आयुष्मान के नाम पर 'सफेदपोश डकैती': गरीबों के कार्ड से करोड़ों का खेल, 4 अस्पतालों पर SACHIS का हंटर
बरेली में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के साथ धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। साचीज ने चार निजी अस्पतालों - राधिका मैटरनिटी, मेट्रो विजन, उम्मीद और अर ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
अनूप गुप्ता, जागरण, बरेली। आयुष्मान भारत योजना में मुफ्त इलाज के नाम पर मरीजों के साथ खेल चल रहा है। जिस तरह से स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) ने यहां चार अस्पतालों में गड़बड़ी पकड़ी गई है, उससे यह तो जाहिर है कि इस योजना को लेकर फर्जीवाड़े की जड़ें काफी गहरी है।
ऐसे में मरीज या तो शिकायतें करते ही नहीं है या फिर उन्हें जांच नाम पर टहला-घुमाकर इतना थका दिया जाता है कि आखिर में उनकी हिम्मत ही टूट जाती है। बताते हैं कि शासन स्तर पर स्पेशल टीम अगर बड़े स्तर पर इस योजना की जांच करें तो यहां बड़ा घपला उजागर हो सकता है।
प्रदेश में अकाउंट हैक करके अक्टूबर में 450 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे। इनसे इलाज भी कराया गया था। एफआइआर कराने के साथ ही साचीज की टीम भी अपने स्तर से फर्जीवाड़े की जांच कर रही थी। इनमें बरेली के राधिका मैटरनिटी, मेट्रो विजन, उम्मीद हास्पिटल और अरबन हास्पिटल फर्जी कार्ड बनाए जाने की जानकारी मिली थी।
इन्हीं कार्ड से वहां फर्जी लाभार्थियों का इलाज भी दिखाया गया। अब अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) डा़. पूजा यादव की ओर से निलंबित किए गए इन अस्पतालों का मामला मेडिकल कमेटी के पास है। इनको ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी है। जिले की बात करें तो यहां 3,49,970 परिवारों के कार्ड बनाने का लक्ष्य है।
दावा यही है कि 90 प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए जा चुके हैं। इस योजना को लेकर तमाम गिरोह अस्पतालों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। जिले में कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं, इस योजना की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो चुके हैं।
पहले भी आ चुके आयुष्मान से जुड़ी गड़बड़ी के मामले
आयुष्मान को लेकर जिले में ऐसा कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आधार और यूजर आइडी में सेंध लगाकर आयुष्मान कार्डों को बनाने के प्रकरण सामने आ चुके हैं। जून 2025 में फरीदपुर में आयुष्मान के साथ फर्जी तरीके से आधार बनाने का मामला सामने आया था।
बताते है कि मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर पुलिस ने बिथरी चैनपुर के बिचपुरी और फरीदपुर के मठिया में जनसेवा केंद्र संचालकों के यहां से फर्जी आधार व अन्य प्रमाणपत्र भी बरामद किए थे। इसके साथ ही पुलिस को लैपटाप, प्रिंटर सहित कई सामान भी मिले थे। इस कार्रवाई में पकड़े गए पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
पिछले साल ही अगस्त में भी ऐसा ही एक और प्रकरण पकड़ा गया। इसमें इज्जतनगर थाना क्षेत्र में एक जनसेवा केंद्र की आड़ में आयुष्मान कार्डों के साथ ही आधार, ई-श्रमकार्ड भी बनाए जा रहे थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक जनसेवा केंद्र संचालक फर्जी तरीके से दस्तावेज बना रहा है।
पुलिस ने सुमित नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया। इसकी इज्जतनगर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। इसी तरह बदायूं के बिनावर क्षेत्र के रहने वाले रोहताश नाम के एक व्यक्ति ने एक चिकित्सक के खिलाफ शिकायत की थी कि उससे दस्तावेज लेकर न केवल फर्जी तरीके से उनके नाम का आयुष्मान कार्ड बनवा लिया गया, बल्कि उसके खाते से करीब 50 हजार का का भुगतान भी करा लिया गया।
इतना ही नहीं, पिपलसना चौधरी के रहने वाले मनोज कुमार शर्मा ने इज्तजनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने यह भी आरोप लगाया था कि जिले में पांच से 20 हजार रुपये लेकर आयुष्मान कार्ड बनवाने जा रहे हैं।
सनराइज हास्पिटल में कार्ड होने के बावजूद वसूली रकम
भमोरा के झिझरी निवासी लक्ष्मी देवी ने 31 वर्षीय पति उर्वेश की तबीयत खराब होने पर उसे सौ फुटा स्थित सनराइज हास्पिटल में भर्ती कराया था। अस्पताल के स्टाफ ने उसका आयुष्मान कार्ड देखकर यही बताया था कि इलाज के लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
महिला का आरोप है कि पति को भर्ती कराने के बाद अस्पताल वालों ने उससे 25 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच कई बार करीब 5.50 रुपये का भुगतान ले लिया। इसके बावजूद इलाज में लापरवाही की वजह से उसके पति की जान भी चली गई। इसके बाद महिला ने इसकी शिकायत मंडलायुक्त के साथ डीएम व अन्य अधिकारियों से भी की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। जांच के दौरान महिला जितना खर्च बता रही है कि उसके 50 प्रतिशत ही बिल दिखा सकी है।
सीएमओ स्तर पर चल रही इसकी जांच के बाद हास्पिटल संचालक से महिला से वसूल की गई धनराशि के साथ की अस्पताल पर कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है। हालांकि पीड़ित महिला लक्ष्मी देवी का कहना है कि अस्पताल से उसे अब तक कोई धनराशि वापस नहीं मिली है। सुनवाई न हुई तो वह लखनऊ जाकर उच्चाधिकारियों से शिकायत करेगी।

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