बरेली में एकतानगर-टीबरीनाथ, सैदपुर समेत 10 कॉलोनियों का लैंड ऑडिट कराएगा BDA
बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) शहर की पुरानी आवासीय योजनाओं में खाली भूखंडों का सर्वे कराएगा। इसके लिए लैंड ऑडिट होगा, जिसमें टीबरीनाथ, एकतानगर समेत 10 कॉलोनियां शामिल हैं। बीडीए भूमि की वर्तमान स्थिति का पता लगाएगा और अतिक्रमण पाए जाने पर कार्रवाई करेगा। रिक्त भूखंडों के आवंटन पर भी निर्णय लिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में पूर्व में विकसित आवासीय योजनाओं में खाली पड़े भूखंडों का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के अधिकारियों ने लैंड आडिट कराने का निर्णय लिया है।
जिसमें शहर में बीडीए की ओर से विकसित टीबरीनाथ, एकतानगर, करगैना, प्रियदर्शिनीनगर, बिहारमान नगला, रामपुर रोड, तुलापुर, हरुनगला, भावराव देवरस, वाल्मीकि अंबेडकर मलिन बस्ती तुलापुर, सैदपुर हाकिंस योजना एवं नैनीताल रोड स्थित व्यावसायिक काम्प्लेक्स योजनाएं शामिल हैं।
बीडीए के अधिकारियों ने पूर्व में बसाई अपनी कालोनियों के लिए खरीदी गई भूमि की अद्यतन स्थिति क्या है? इसके लिए विशेषज्ञों से सर्वे कराने का निर्णय लिया है। सर्वे में पूर्व में कितने क्षेत्रफल में विकसित की गई कालोनी और वर्तमान में उतनी भूमि है या अन्य कोई अतिक्रमण-कब्जा किया गया है समेत अन्य पहलुओं पर काम किया जाएगा।
बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने शनिवार को अपनी 10 कालोनियों में लैंड आडिट के लिए अभिरुचि की अभियुक्ति (ईओआइ) मांगा है। उन्होंने बताया कि इसके तहत संबंधित एजेंसियों को योजना स्थल पर निर्मित भवनों एवं अवशेष भूखंडों का सर्वे कर मानचित्र प्रस्तुत कराना होगा।
योजना स्थल पर निर्मित भवनों के भूखंडों के क्षेत्रफल का विवरण, कुल क्षेत्रफल एवं सीमाओं की माप, ले-आउट को सजरा प्लान पर सुपर इंपोज कर प्रस्तुत करना होगा। योजना में प्राधिकरण की भूमि पर अतिक्रमण को चिह्नित कर भूमि का क्षेत्रफल अंकित करना होगा।
इसके साथ ही ले-आउट में सभी प्रकार के भूखंडों एवं सुविधाओं (पार्क, सड़क, व्यवसायिक, सामुदायिक, शैक्षिण संस्थान आदि) के क्षेत्रफल को लैंड आडिट के बाद ले-आउट तैयार करते हुए एरिया चार्ट में अंकित करना होगा। इसमें बिजली की लाइन, सीवर लाइन, सैप्टिंग टैंक, नाली, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ओवर हेड टैंक, ट्यूबवेल, बिजली-घर, कूड़ा-घर आदि भी प्रस्तुत करना होगा।
ध्वस्त कराया जाएगा अतिक्रमण
बीडीए के अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के बाद पूर्व में विकसित कालोनियों में यदि कोई अतिक्रमण या कब्जा मिलता है, तो उसको ध्वस्त कराया जाएगा और जमीन को कब्जे में लिया जाएगा। इसके साथ ही इन कालोनियों में रिक्त भूखंडों के बारे में अधिकारी कार्ययोजना बना रहे हैं, जिससे भविष्य में उनके आवंटन आदि पर निर्णय लिया जा सके।

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