Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बरेली में जाम से छुटकारे के लिए फिर से बनेंगे ये 10 चौराहे, ट्रैफिक पुलिस-PWD और ये विभाग करेंगे सर्वे

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 04:09 PM (IST)

    बरेली शहर में यातायात की समस्या को दूर करने के लिए 10 चौराहों का पुनर्विकास किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस और पीडब्ल्यूडी मिलकर सर्वे करेंगे। व्यस्त चौराहों को चुना गया है, जहाँ यातायात को सुचारू बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना से शहर के लोगों को जाम से राहत मिलेगी और यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगते जाम को देखते हुए प्रमुख चौराहों-तिराहों का पुर्ननिर्माण किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम, यातायात पुलिस, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों के विशेषज्ञ संयुकत रुप से सर्वे करेंगे। जिसमें यातायात पुलिस द्वारा किए जा रहे ट्रैफिक डेंसिटी समेत अन्य बिंदुओं पर काम किया जाएगा। इसमें आने वाली खर्च राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    नगर निगम क्षेत्र के अधिकतर चौराहों-तिराहों पर आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। इसको लेकर कई बार एंबुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को ढेरों परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर अब प्रशासन ने संयुक्त रुप से पहल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पूर्व में किए गए सर्वे का भी अध्ययन किया जा रहा है। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि शहर के दस प्रमुख चौराहों-तिराहों का पुर्नविकास की योजना बनाई जा रही है।

    ये चौराहे हैं शामिल

    इसमें गांधी उद्यान, दामोदर स्वरुप तिराहा, नावल्टी चौराहा, समेत अन्य तिराहे-चौराहे शामिल हैं। इसके लिए एनकैप से धनराशि लगाने पर मंथन किया गया है। कहा कि इसके लिए एसपी यातायात अकमल खान व अन्य विभागों के विशेषज्ञों से भी सहयोग लिया जा रहा है।

    पूर्व में ही किए गए फिजिबिलिटी, ट्रैफिक डेंसिटी आदि बिंदुओं पर हुए सर्वे को देखा जा रहा है। गौरतलब है कि तत्कालीन कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ कोहाड़ापीर तिराहा, ईंट पजाया, गांधी उद्यान, नावल्टी आदि चौराहे-तिराहे का संयुक्त रुप से सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही इन चौराहों-तिराहों के आसपास लगे बिजली के पोल व अन्य अतिक्रमण-कब्जे आदि को हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन कार्ययोजना आगे बनने के बाद धरातल पर नहीं उतर सकी थी। अब एक बार फिर से कवायद शुरु की गई है।