शाहबानो केस पर बनी फिल्म ‘हक’ चर्चा में, मुस्लिम धर्मगुरु का बयान सुर्खियों में
शाहबानो केस पर आधारित फिल्म 'हक' के रिलीज होने के बाद मुस्लिम धर्मगुरु ने मुस्लिम महिलाओं को फिल्म न देखने की सलाह दी है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को विवादित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत करती है। उन्होंने समुदाय से संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया है।
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जागरण संवाददाता, बरेली। शाहबानो केस पर आधारित हक फिल्म रिलीज होने के बाद मौलाना शहाबुद्दीन ने मुस्लिम महिलाओं को फिल्म न देखने की सलाह दी है। हक फिल्म हाल के दिनों में रिलीज हुई है, जिसमें इमरान हाशमी व यामी गौतम ने अभिनय किया है। यह फिल्म तीन तलाक के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद जिग्ना बोरा की लिखी गई किताब बानो-भारत की बेटी से प्रेरित है।
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आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने चर्चा में आई ‘हक’ फिल्म पर बयान जारी करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में धार्मिक व सामाजिक मुद्दों को विवाद निर्मित करने के उद्देश्य से प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि फिल्म को तीन तलाक और शाह बानो केस जैसे संवेदनशील मुद्दों से जोड़ा गया है और इसे हिंदू-मुस्लिम कोण देकर प्रचारित किया जा रहा है।
मौलाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई अपनी एक मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि यदि मुस्लिम धर्मगुरु समाज में सही मार्गदर्शन देते, तो तीन तलाक पर कानून लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हित में यह कानून बनाया है। मौलाना रजवी ने कहा कि उन्होंने आज तक कोई फिल्म नहीं देखी और मुस्लिम महिलाओं को भी इस फिल्म को देखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि समुदाय को भावनाओं में बहने के बजाय इस विषय पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

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