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    UP News: अस्पतालों में सप्लाई कर दी इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन, अवैध रूप से चल रही एजेंसी पर मुकदमा दर्ज

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 05:20 AM (IST)

    बरेली में शफीक खां नामक एक व्यक्ति अवैध रूप से ऑक्सीजन एजेंसी चला रहा था और औद्योगिक ऑक्सीजन को अस्पतालों में सप्लाई कर रहा था। अधिकारियों ने उसकी एजेंसी से 31 औद्योगिक और मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद किए हैं। डॉक्टरों के अनुसार औद्योगिक ऑक्सीजन मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है क्योंकि इससे फेफड़ों में संक्रमण और फंगस का खतरा बढ़ सकता है।

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    अस्पतालों में सप्लाई कर दी इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन, अवैध रूप से चल रही एजेंसी पर मुकदमा दर्ज

    जागरण संवाददाता, बरेली। अवैध रूप से ऑक्सीजन एजेंसी संचालित कर शफीक खां उर्फ बबलू मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा था। वह कटिंग-वेल्डिंग आदि में काम आने वाली इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को अस्पतालों में सप्लाई करने लगा। उसकी एजेंसी से 31 इंडस्ट्रियल एवं मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की बरामदगी कर अधिकारियों ने प्राथमिकी पंजीकृत करा दी। 

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    चिकित्सकों का कहना है कि यदि इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन मरीजों को चढ़ा दी जाए तो उन्हें फेफड़ों के संक्रमण-फंगस बढ़ने का खतरा हो सकता है। शफीक दुकान पर अमृत गैस एजेंसी का बोर्ड लगाकर ऑक्सीजन आपूर्ति करता था। 

    अधिकारियों के अनुसार, अवैध रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर बिक्री की सूचना पर शनिवार रात को उसकी एजेंसी पर छापेमारी की गई। उस समय दुकान बंद होने पर शफीक को फोन कर लाइसेंस आदि के बारे में जानकारी चाही मगर, वह टालता रहा। 

    कई बार बातचीत के बाद दबाव में आने पर उसने साले नाजिम को भेजा, तब दुकान का निरीक्षण शुरू किया जा सका। आरंभिक जांच में पता चला कि वह इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों को अस्पतालों में सप्लाई करता था। 

    औषधि निरीक्षक अनामिका अंकुर जैन ने बताया कि शफीक ने किन अस्पतालों में इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की आपूर्ति की, इसका ब्योरा जुटाया जा रहा है। उसके विरुद्ध रविवार को जानबूझकर खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलाने की आशंका, पाबंदी के बावजूद चिकित्सकीय उत्पादों में मिलावट एवं बिक्री, धोखाधड़ी कर गंभीर अपराध करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

    छापेमारी के बाद से वह फरार है। मेडिकल और इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन में अंतर अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली मेडिकल और इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के बनाने, उपयोग एवं बिक्री में अंतर है। नियमानुसार, दोनों के लिए अलग लाइसेंस लेना होता है। शफीक के पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं था। 

    जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन अजय मोहन अग्रवाल ने बताया कि अस्पतालों में उपयोग किए जाने वाले ऑक्सीजन सिलेंडरों की शुद्धता 97 प्रतिशत तक होती है। इससे इतर, इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के मानक कमजोर होते हैं, इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, वातावरण के सूक्ष्म जीव भी होते हैं। यदि इस प्रकार का ऑक्सीजन सिलेंडर किसी मरीज के उपयोग में लाया जाए तो गंभीर संक्रमण का खतरा रहता है।