जानें बरेली जंक्शन पर जल्द ही क्या होने वाले हैं बड़े बदलाव, जिनसे यात्री सुविधाओं में होगा सुधार
जंक्शन पर दिल्ली-लखनऊ रूट के ट्रैफिक को कम करने के लिए रेलवे प्रशासन प्लेटफॉर्मों की संख्या बढ़ाएगा। इससे ट्रेनों का संचालन सुगम होगा और यात्रियों को सुविधा मिलेगी। वैकल्पिक मार्गों के विकास से जंक्शन पर ट्रेनों की भीड़ कम होगी और आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
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अनूप गुप्ता, जागरण, बरेली। लखनऊ-दिल्ली रेल मार्ग पर ट्रेनों को आउटर पर लंबे समय तक खड़े रहने की समस्या जल्द खत्म हो सकती है। रेलवे ने इस रूट की बढ़ती ट्रैफिक समस्या को देखते हुए जंक्शन पर प्लेटफार्म बढ़ाने की योजना तैयार की है। फिलहाल जंक्शन पर उत्तर रेलवे (एनआर) की गाड़ियों के लिए सिर्फ चार प्लेटफार्म हैं, जबकि प्रतिदिन करीब 130 ट्रेनें इस रूट से गुजरती हैं।
प्लेटफार्म खाली न होने के कारण ट्रेनों को आउटर पर रोका जाता है, जिससे समयबद्ध संचालन प्रभावित होता है और हजारों यात्रियों को असुविधा होती है। इस समस्या के समाधान के लिए मुरादाबाद मंडल ने जंक्शन पर पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) इज्जतनगर मंडल के प्लेटफार्म का भी उपयोग करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
योजना के अनुसार, फिलहाल एनईआर के प्लेटफार्म संख्या 5 पर दिल्ली-लखनऊ रूट की ट्रेनों को ठहराने की तैयारी की जा रही है। प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है और अनुमति मिलने के बाद कार्य जल्द शुरू होगा। जंक्शन से रोजाना करीब 110 यात्री ट्रेनें गुजरती हैं। अगर मालगाड़ियों को भी शामिल किया जाए तो यह संख्या 120 से 130 तक पहुंच जाती है।
जंक्शन पर कुल छह प्लेटफार्म हैं, जिनमें चार उत्तर रेलवे के लिए और दो पूर्वोत्तर रेलवे के लिए आरक्षित हैं। एनईआर की ट्रेनों की संख्या कम होने के बावजूद एनआर की अधिक ट्रेनों को सीमित प्लेटफार्म के चलते आउटर पर रुकना पड़ता है। मुरादाबाद मंडल के रेल अधिकारियों ने यार्ड माडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट के तहत इस प्रस्ताव को तैयार किया है।
अधिकारियों के मुताबिक, भविष्य में जंक्शन के सभी प्लेटफार्मों का साझा उपयोग मुरादाबाद और इज्जतनगर मंडलों की ट्रेनों के लिए किया जाएगा। इससे न केवल ट्रेनों का ट्रैफिक लोड कम होगा, बल्कि समय से संचालन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
होर्डिंग्स और फ्लेक्सी से रेलवे बढ़ाएगा आमदनी
रेलवे अपनी कमाई के नए स्रोत तलाशने में जुटा है। जंक्शन पर विज्ञापन के लिए कई स्थान पहले से कांट्रैक्टरों को आवंटित हैं, फिर भी कई स्थान खाली हैं जिन्हें विज्ञापनदाताओं को दिया जा सकता है। मुख्य वाणिज्य निरीक्षक इमरान ने बताया कि इच्छुक विज्ञापनदाताओं को पहले ही सूचना दी जा चुकी है। सभी आवंटन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से किए जाएंगे।
पार्किंग के ठेके से हर साल 24 लाख रुपये की आय
जंक्शन पर पार्किंग का तीन वर्षीय ठेका शिव इंटरप्राइजेज को दिया गया है। रेलवे को इसके एवज में प्रतिवर्ष करीब 24 लाख रुपये की आय हो रही है। तीन साल में रेलवे को कुल 72 लाख रुपये प्राप्त होंगे। इस पार्किंग में टेंपो, ई-रिक्शा, रिक्शा और कार आदि के लिए शुल्क निर्धारित किए गए हैं, जिससे यात्रियों को सुव्यवस्थित पार्किंग की सुविधा मिल रही है।
जंक्शन पर पूर्वोत्तर रेलवे के प्लेटफार्म संख्या पांच पर यार्ड आधुनिकीकरण योजना के तहत लखनऊ-दिल्ली की ट्रेनों को रोके जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलते ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद कई और विकास कार्य भी प्रस्तावित हैं।
- आदित्य गुप्ता, वरिष्ठ मंडल रेल प्रबंधक, मुरादाबाद मंडल

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