Urs-e-Razvi 2025: बरेली के उर्स ए रजवी में उमड़े जायरीन, दरगाह आला हजरत पर गुलपोशी व चादरपोशी जारी
बरेली में इमाम अहमद रजा खां आला हजरत के 107वें उर्स ए रजवी का आगाज रजवी परचम फहराकर हुआ। शहर की गलियां जायरीन से गुलजार हो गईं। रात में नातिया मुशायरा और हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म हुई। देश विदेश से आए मेहमानों ने दरगाह आला हजरत पर गुलपोशी की।

जागरण संवाददाता, बरेली। इमाम अहमद रजा खां आला हजरत के 107वें उर्स ए रजवी का आगाज सोमवार रात को रजवी परचम नसब करने के साथ हो गया। इस्लामिया कालेज मैदान में परचम नस्ब होने के साथ ही उर्स शुरू होने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई।
उर्स में जायरीन की आमद से शहर की गलियां गुलजार हो गईं। रात में नातिया मुशायरा व हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। मदरसा जामियातुररजा स्थित उर्स स्थल पर बड़ी संख्या में देश विदेश से मेहमान पहुंचे।
जायरीन की आमद से गुलजार हो गईं शहर की गलियां
नासिर कुरैशी ने बताया कि आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां के नेतृत्व में कुमार टॉकीज, इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुंचा, जहां सलामी देने के बाद जुलूस का समापन इस्लामिया मैदान पर हुआ। दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) ने सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी, सय्यद आसिफ मियां की मौजूदगी में रजवी परचम इस्लामियां कालेज मैदान के मुख्य गेट पर नसब कर दिया।
दरगाह आला हजरत पर गुलपोशी व चादरपोशी का सिलसिला जारी
परचम कुशाई होने के साथ आला हजरत की लिखी नात व मनकबत गूंजने लगी और उर्स का ऐलान हो गया। रात 10.35 बजे आला हजरत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम मुफ्ती हामिद रजा खान (हामिद मियां) के कुल शरीफ की फातिहा पढ़ी गई।
मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि हुज्जातुल इस्लाम ने 1938 में मुरादाबाद में हुई कांफ्रेंस में मुसलमानों से अपने बच्चों तालीम दिलाने पर जोर देते हुए अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत करने का आह्वान किया था। इसके बाद नातिया मुशायरा में तरही मिसरा 'पीते हैं तिरे दर का खाते हैं तिरे दर का।' और 'हम तो खुद्दार हैं खुद्दारी है शेवाह अपना' पर मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ्ती कलीम उर रहमान कादरी आदि ने कलाम पेश किए।
उलमा की तकरीर हुई
उर्स स्थल मदरसा जामियातुररजा में देश विदेश से जायरीन काजी ए हिंदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी से मिले और उनके मुरीद हुए। खानकाहे ताजुश्शरिया में मुफस्सिरे आजम का कुल सुबह 11:00 बजे हुआ। इसके बाद उलमा की तकरीर हुई। वहीं, हुज्जातुल इस्लाम का कुल रात 10:35 बजे हुआ। जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उर्स प्रभारी सलमान हसन खान (सलमान मियां) ने बताया कि रजवी परचम लहराने के साथ ही आला हजरत के नारों से शहर गूंज उठा।
देश विदेश से आने वाले मेहमानों ने दरगाह आला हजरत पर सलामी व गुलपोशी की। साथ ही खानकाहे ताजुश्शरिया में हाजिरी दी। राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान (फरमान मियां) ने बताया उर्स रजवी में फ्री मेडिकल कैंप भी लगाए गए, जिससे बरेली आला हजरत के अकीदतमंदों से भर गया।
दरगाह पर गुलपोशी और चादरपोशी करने के लिए पहुंचे लोग
देश विदेश के साथ ही आसपास के गांवों, कस्बों, मुहल्लों से चादरों और फूलों के जुलूस दरगाह पर गुलपोशी और चादरपोशी करने के लिए पहुंचे। दिन भर रहपुरा, ठिरिया निजावत खां, स्वालेनगर, आजमनगर, किला, जसोली, फरीदापुर, आंवला, तिलियापुर, पुराना शहर से लोग जुलूस लेकर पहुंचते रहे।
उर्स में मारिशस से मुफ्ती नदीम मंजरी, मुफ्ती रियाजुल हसन, मुफ्ती इमरान, नेपाल से मौलाना फूल मोहम्मद नेमत, मौलाना नसीरुद्दीन, मौलाना इरफान, साउथ अफ्रीका से मौलाना सलीम खुशतरी, दुबई से हबीब उर रहमान, कतर से मौलाना शफीक, ओमन से मौलाना सलमान उर्स में शामिल होने के लिए आ गए।
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