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    यूपी में 1.5 लाख किसानों की रुक सकती है पीएम सम्मान निधि, लाभ पाने के लिए जल्द करना होगा यह काम

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 07:04 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में लगभग 1.5 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिलना बंद हो सकता है क्योंकि उन्होंने ई-केवाईसी नहीं कराया है। सरकार ने सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। किसानों को जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए, अन्यथा सम्मान निधि का पैसा रुक सकता है। ई-केवाईसी के लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर ज़रूरी है।

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    किसान सम्मान निधि की अगली किस्त से वंचित होंगे डेढ़ लाख किसान।

    जागरण संवाददाता, बस्ती। फार्मर रजिस्ट्री न होने से जनपद के डेढ़ लाख किसानों की प्रधानमंत्री सम्मान निधि की अटकी किस्त अटक जाएगी। जिले में पीएम-किसान योजना के तहत पंजीकृत किसानों की संख्या लगभग 5.27 लाख है। इनमें से अभी भी डेढ़ लाख किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई है। ऐसे सभी किसान अगली किस्त से वंचित हो सकते हैं। इसका मुख्य कारण फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने में हो रही धीमी प्रगति है।

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    सरकार ने फार्मर आईडी को अनिवार्य कर दिया है, जिसके बिना किसानों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। अब तक 70 प्रतिशत किसानों का ही फार्मर रजिस्ट्री हो सका है। कृषि विभाग अनुमान है कि लगभग 1.5 लाख ऐसे किसान हैं, जिनकी फार्मर आईडी नहीं बनी है और न ही उन्होंने अनिवार्य ई-केवाईसी या भूलेख सत्यापन कराया है।

    कृषि विभाग अभी भी अपने लक्ष्य से 30 प्रतिशत पीछे चल रहा है। लगभग 1.5 लाख ऐसे किसान हैं, जिनकी फार्मर आईडी नहीं बनी है और न ही उन्होंने अनिवार्य ई-केवाईसी या भूलेख सत्यापन कराया है।

    फार्मर रजिस्ट्री के अलावा, किसानों की किस्तें रुकने के मुख्य कारणों में ई-केवाईसी नहीं होना शामिल है। बड़ी संख्या में किसानों ने अभी तक ओटीपी आधारित या बायोमेट्रिक ई-केवाईसी नहीं कराई है। भूलेख सत्यापन के भूमि रिकार्ड (खतौनी) का सत्यापन राजस्व विभाग से लंबित है।

    बैंक खाते का आधार से लिंक होना अनिवार्य है। कृषि और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें ग्राम पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर किसानों की मदद कर रही हैं, लेकिन अपेक्षित सहयोग न मिलने से यह आंकड़ा कम नहीं हो पा रहा है।

    एक डिजिटल पहचान है फार्मर रजिस्ट्री

    फार्मर रजिस्ट्री या फार्मर आईडी केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल पहचान है, जिसका उद्देश्य किसानों का एक एकीकृत डेटा बेस तैयार करना और पात्र लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता लाना है।फार्मर आईडी भविष्य में किसानों की पहचान होगी, जिसके जरिए वे खाद और बीज की खरीद भी कर सकेंगे। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिस किसान की फार्मर आईडी नहीं होगी, उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से वंचित कर दिया जाएगा।

    फार्मर रजिस्ट्री के मामले में बस्ती जनपद की स्थिति काफी अच्छी है। अब तक 75 प्रतिशत फार्मर रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है। शेष बचे किसान अपने क्षेत्र के कृषि या राजस्व विभाग के कर्मचारी से संपर्क कर फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया समय से पूरी कर लें, ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न होना पड़े। समय से फार्मर रजिस्ट्री करा लें, अन्यथा पात्र किसान भी योजना के लाभ से वंचित हो जाएंगे। -अशोक कुमार गौतम, उप कृषि निदेशक, बस्ती।