यूपी में मोंथा चक्रवात से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करेंगे लेखपाल, किसानों को मिलेगा मुआवजा
उत्तर प्रदेश में मोंथा चक्रवात से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए लेखपालों को सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का उद्देश्य है कि सर्वे के माध्यम से नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सके और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जा सके। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मोंथा चक्रवात के प्रभाव स्वरूप बिगड़े मौसम से हो रही बेमौसम बारिश के चलते धान सहित बाजरे की फसल को भारी नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है। खेतों में फसल गिर जाने व काटकर छोड़ी गई धान की फसल को नुकसान पहुंचने को लेकर किसान चिंतित है।
हालांकि इसी के साथ ही जिला प्रशासन भी फसल के नुकसान का आंकलन कराने की कवायद में जुट गया है। लेखपालों के जरिए सर्वे कराकर नुकसान का आंकलन किया जाएगा।
दरअसल, खरीफ अभियान की प्रमुख धान की फसल लगभग तैयार हो चुकी है। किसानों ने कटाई-मड़ाई का कार्य शुरू भी कर दिया था। इसी के साथ बिगड़े मौसम के चलते पिछले चार दिनों से लगातार रह रहकर हो रही बेमौसम बारिश ने एक ओर जहां धान व बाजरे की फसल गिर गई है।
वहीं, धान की जो फसल काटकर खेतों में छोड़ी गई थी वह भी भीग चुकी है। इसे समेटना किसानों के लिए भारी हो चुका है। ऐसे में फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है।
किसानों की ओर से क्षतिपूर्ति के जरिए राहत देने की मांग उठने लगी है। हालांकि फसल को कितना नुकसान पहुंचा, इसके लिए सर्वे कर आंकलन किया जाएगा।
उप निदेशक कृषि अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से लेखपालों के जरिए सर्वे कराने का निर्देश दिया गया है। सर्वे के बाद नुकसान की जो रिपोर्ट सामने आएगी उसके आधार पर किसानों को क्षतिपूर्ति देने आदि को लेकर कार्रवाई की जाएगी।

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