UP Weather: यूपी के कई जिलों में फिर बदलेगा मौसम, मोंथा चक्रवात के कारण बारिश के बन रहे आसार
भदोही में मौसम बदलने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बने दबाव और पश्चिमी विक्षोभ के चलते 30 अक्टूबर तक बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश हो सकती है। किसानों को कटी धान की फसल को सुरक्षित रखने और बुआई रोकने की सलाह दी गई है। तापमान में गिरावट की भी संभावना है, जिससे ठंड बढ़ सकती है। किसानों को सिंचाई से बचने और पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है।
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। सामान्य चल रहे मौसम में फिर से बदलाव हो गया। बंगाल की खाड़ी में विकसित हुए कम दबाव क्षेत्र से सक्रिय मोंथा चक्रवात व पहाड़ी क्षेत्रों पर आए हुए पश्चिमी विक्षोभ के मिले-जुले प्रभाव से जिले में भी 30 अक्टूबर तक के बीच में बादल छाए रहने के साथ बूंदा बांदी से लेकर हल्की बारिश तक के आसार बने हैं। मौसम के बिगड़ते रुख को देखते हुए किसानों को कट चुकी धान फसल को छाया वाले स्थान पर रखने तो किसी भी फसल की बोआई को 30 अक्टूबर तक स्थगित रखने की सलाह दी गई है। उधर मौसम को देखते ही किसानों ने धान फसल की कटाई जोर-शोर से शुरू कर दी है। किसानाें को डर है कि खेत में तैयार खड़ी धान की फसल पर पानी पड़ा तो नुकसान होगा।
कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के पूर्वानुमान के अनुसार बंगाल की खाड़ी में विकसित हुए कम दबाव क्षेत्र से सक्रिय मोंथा चक्रवात व पहाड़ी क्षेत्रों पर आए हुए पश्चिमी विक्षोभ के मिले-जुले प्रभाव से देश के ज्यादातर राज्यों में अच्छी बारिश की संभावना है। इसका प्रभाव पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में भी 30 अक्टूबर तक देखने को मिल सकता है।
इससे भदोही जनपद में भी बादलयुक्त मौसम का प्रभाव आगामी दिनों में बना रह सकता है। साथ ही बूंदाबांदी से लेकर हल्की बारिश का भी अनुमान है। बताया मौसम में होने वाले इस बदलाव से दिन और रात के तापमान में भी तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की जाएगी। जो नवंबर के शुरुआती सप्ताह में ठंड में वृद्धि में कारण बनेगी।
बताया की बारिश की संभावना को देखते हुए किसानों को चाहिए की किसी भी फसल की बोआई का कार्य 30 अक्टूबर तक स्थगित रखें। साथ ही कट चुकी धान फसल को छायादार स्थान पर अथवा तिरपाल आदि से ढककर रखने का प्रयास करें। सब्जी और रबी फसलों में सिंचाई बिल्कुल ना करें। पशुओं को भी पशुशाला में सुरक्षित ढंग से बांधे, जिससे उन पर सर्दी का प्रभाव न पड़ने पाए।

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