बिजनौर के सपा विधायक मनोज पारस की जमानत याचिका निरस्त, कोर्ट ने भेजा जेल
बिजनौर में जानलेवा हमले के मामले में नगीना से सपा विधायक मनोज पारस ने कोर्ट में सरेंडर किया जिसके बाद उनकी जमानत याचिका निरस्त कर दी गई। 2020 में हुए इस घटनाक्रम में मनोज पारस और अन्य पर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट नंबर एक शांतनु त्यागी ने जानलेवा हमले के मामले में आरोपित नगीना विधानसभा के सपा विधायक मनोज पारस की जमानत याचिका निरस्त कर दी है। मनोज पारस के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट चल रहे थे। इस पर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया।
छतर सिंह ने आरोपित पूर्व विधायक एवं प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री मूलचंद चौहान, उनके बेटे अमित चौहान, कपिल गुर्जर, राशिद, रफी सैफी और नगीना से सपा विधायक मनोज के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया था। आरोप था कि 29 सितंबर 2020 की शाम वह स्कूटी से रिश्तेदारी में जा रहा था। स्कूटी के पीछे परिचित लवी बैठा था। रास्ते में पीछे से ओवरटेक कर कार आगे आकर रुकी। कार में उक्त आरोपित सवार थे। आरोपितों ने मुकदमे की पैरवी करने पर धमकी दी।
आरोप है कि वादी छतर सिंह को आरोपित विधायक मनोज पारस और रफी सैफी ने पकड़ लिया और अमित चौहान ने जान से मारने की नीयत से छतर सिंह के सीने में चाकू से वार किया। उसकी लाठी-डंडे से पिटाई की। स्वजन गंभीर हालत में वादी को थाने लेकर आए। छतर सिंह को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। इस मामले में उक्त आरोपितों को कोर्ट ने तलब किया था। नगीना विधानसभा के सपा विधायक मनोज पारस के कोर्ट में पेश न होने के कारण गैर जमानती वारंट चल रहे थे। मंगलवार को विधायक मनोज पारस ने कोर्ट में सरेंडर किया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है।
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