13 वर्ष पहले सर्पदंश से जिसे 'मृत' समझा, वह बाबा बंगालीनाथ के आश्रम में जीवित मिला...बाबा ने लौटाने से किया इन्कार
Bulandshahr News : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक गांव में 13 साल पहले सर्पदंश से मरे एक किशोर को हरियाणा के पलवल आश्रम में जीवित पाया गया। सपेरे बंगाली नाथ बाबा उसे गांव लाए, जिससे परिवार में खुशी छा गई। बताया गया है कि सपेरे ने किशोर का उपचार किया और उसे जीवनदान दिया, लेकिन उसे परिवार को सौंपने से इन्कार कर दिया।

औरंगाबाद के गांव सूरजपुर टीकरी में अपने स्वजन और गुरु के साथ बैठा दीपू। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण, औरंगाबाद (बुलंदशहर)। क्षेत्र के गांव सूरजपुर टीकरी में लगभग 13 साल पहले सर्पदंश से एक किशोर की मौत हो गई थी, लेकिन वही युवक हरियाणा के पलवल आश्रम में जीवित होने की सूचना मिलते ही मृतक के स्वजन खुशी से झूम उठे। शुक्रवार शाम सपेरे बंगाली नाथ बाबा युवक को लेकर गांव सूरजपुर टीकरी पहुंचते ही स्वजन और ग्रामीण खुशी से झूम उठे। बताया गया कि शनिवार शाम बंगाली नाथ बाबा युवक को फिर दोबारा से अपने आश्रम पर ले गए।
गांव सूरजपुर टीकरी निवासी सुखपाल सैनी का 13 वर्षीय पुत्र दीपू 13 वर्ष पहले भूसे की कोठरी से दरांती निकालने के लिए गया था। इस दौरान ही उसे सर्प ने दंश से उसकी मौत हो गई थी। स्वजन ने दीपू के शव को ब्रजघाट स्थित गंगा में प्रवाहित कर दिया था। वहां से सपेरे उसके शव को निकालकर पलवल के गांव नागल स्थित बंगाली नाथ बाबा के आश्रम पर ले गए और वहां दीपू के सिर से बाल उखाड़कर देखा तो सपेरों को ये उम्मीद जगी कि ये किशोर जीवित हो सकता है। बंगाली नाथ बाबा के अनुसार बताया गया है कि मृत किशोर को वे बंगाल स्थित अपने गुरु के पास ले गए। वहां उपचार के दौरान किशोर जीवित हो गया।
किशोर के जीवित होने के बाद उसे वापस पलवल आश्रम पर ले आए। उधर, दीपू की तलाश में उसकी मां सुमन देवी आश्रम पर पहुंचीं और वहां अपने पुत्र को जीवित देख चकित रह गई। पीड़ित मां अपने पुत्र को आश्रम से वापस गांव ले जाने के लिये बंगाली नाथ बाबा से वापस मांगने लगी। बाबा ने उक्त युवक को देने से इन्कार करते हुए कहा कि हम स्वयं आपके पुत्र को लेकर गांव आयेंगे। शुक्रवार देर शाम बंगाली नाथ बाबा दीपू को लेकर उसके गांव सूरजपुर टीकरी पहुंचे तो वहां दीपू को देखने के लिये ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सूचना पर दीपू के रिश्तेदार भी आ गए ओर दीपू से लिपटकर रोते रहे। दीपू के पिता सुखपाल सैनी ने बताया कि बंगाली नाथ बाबा शनिवार को दीपू को अपने साथ आश्रम ले जाएंगे। उन्होंने दीपू को स्वजन को देने से साफ इंकार कर दिया। दीपू पांच भाई बहनों में सबसे छोटा था।

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