कार्तिक मेले में लगा चरखी झूला टूटा, सात वर्ष की मासूम की मौत...12 गंभीर घायल
कार्तिक मेले में एक दुखद घटना घटी। मेले में लगा चरखी झूला टूटने से एक बच्चे की जान चली गई और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना से मेले में अफरा-तफरी मच गई।

रामघाट के गंगा मेले में टूटा पड़ा झुला। जागरण
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। रामघाट में पुराने थाने एवं गौशाला के बीच कार्तिक मेला में लगा चरखी झूला बुधवार को शाम के समय अचानक टूट गया, जिसके नीचे दबकर सात वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई, जबकि 12 श्रद्धालु घायल हो गए। झूला टूटने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घायलों को उपचार के लिए डिबाई के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के चलते कस्बा एवं थाना रामघाट में मेला लगा था। मेला में खाने-पीने के साथ नाव, चरखी सहित कई प्रकार के झूले लगे थे। कार्तिक मेला में आसपास एवं दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग एवं बच्चे पहुंचे थे। शाम के समय मेला परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी, शाम लगभग छह बजे अचानक चरखी झूला टूट गया, झूला के नीचे दबकर सात वर्षीय हिमांशी पुत्री भानु निवासी रामघाट की मौत हो गई, जबकि हादसे में नीरज पत्नी शशिकांत यादव निवासी रतुआ नगला महाराजपुर, करण पुत्र वेद प्रकाश निवासी रामघाट, जितेंद्र पुत्र करू निवासी रामघाट, डब्बू पुत्र हेतराम निवासी रामघाट, दीक्षा पुत्री नरेश निवासी रतुआ नगला महाराजपुर सहित 12 लोग घायल हो गए।
घायलों को डिबाई के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मेला में झूला टूटने की सूचना मिलते ही पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अधिकारियों ने मौके पर पहुंच आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। घटना के बाद से लोगों में रोष व्याप्त है। वह मेला आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है।
एसपी देहात डा. तेजवीर सिंह ने बताया कि घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हादसे के बाद झूला संचालक भाग गया है, जिसकी तलाश की जा रही है। मामले की जांच की जा रही है, बिना परमिश मेला का आयोजन किए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जगह-जगह आयोजित कार्तिक मेला में टूटे नियम
बुलंदशहर : रामघाट में कार्तिक मेला में तमाम नियम व प्रविधानों को दरकिनार कर झूले के संचालन ने एक बच्ची की जिंदगी छीन ली। वहीं, 12 से अधिक लोग घायल हो गए। मेला में बिना एनओसी झूला संचालन ने सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। मेला में झूला संचालन के लिए संचालक को लोक निर्माण विभाग के यांत्रिकी विभाग, विद्युत सुरक्षा परिषद, अग्निशमन विभाग व पुलिस द्वारा एनओसी ली जाती है, लेकिन गंगा किनारे के गांवों में कार्तिक मेला में नियमों को दरकिनार झूला लगाए गए।
रामघाट में परंपरागत मेला में झूला टूटने के हादसा से हाहाकार मच गया। हादसे में एक सात वर्षीय मौत होने के साथ ही कई लोग घायल हो गए। जिम्मेदार विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाते तो शायद झूला टूटने से बच्चों की जान नहीं जाती। अधिकांश मेला में झूला का संचालन बिना एनओसी के किया जाता है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राहुल शर्मा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के यांत्रिकी विंग से झूला संचालन को एनओसी जारी होती है। यह विंग मेरठ में है। मेले में झूले से संबंधित एनओसी अनुमति मेरठ विंग से ही दी जाती है।

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