साइबर ठग कर रहे अकाउंट खाली, ठगी के लिए चुना हफ्ते का ये दिन; ऐसे बचें
आजकल साइबर ठग लोगों के बैंक खातों को खाली करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। वे फोन या मैसेज के माध्यम से बैंक डिटेल्स मांगते हैं, खुद को बैंक कर्मचारी बताकर डराते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, त्योहारों और छुट्टियों में ये ठग अधिक सक्रिय रहते हैं। साइबर ठगी से बचने के लिए अपनी बैंक डिटेल्स किसी को न दें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

साइबर ठग कर रहे अकाउंट खाली, नहीं हो पा रही कार्रवाई। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, नौगढ़ (चंदौली) । साइबर ठग लुभावने एवं इनामी लालच देकर ग्रामीण क्षेत्रों में ठगी कर रहे हैं। इसकी लगातार शिकायत होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिसंख्य घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही हैं। ठगी के मामले में प्राथमिकी दर्ज तो कर ली जाती है, लेकिन पुलिस जालसाजों तक नहीं पहुंच पा रही है। हफ्ते का एक दिन ऐसा है जिस दिन ठगी की ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं।
केस-एक
25 अप्रैल 2024 को प्राथमिक विद्यालय बरवाडीह के शिक्षक अमिकेश के अकाउंट से साइबर ठगों ने खुद को विकास भवन का अधिकारी बताकर निर्वाचन से संबंधित जानकारी पूछने के बाद ओटीपी पूछ कर 45,000 निकाल लिए। उन्होंने चकरघट्टा थाने में केस दर्ज कराया और साइबर क्राइम में भी आनलाइन शिकायत दर्ज कराया। अभी तक पैसा वापस नहीं कराया जा सका है।
केस -दो
15 नवंबर 2023 को अमृतपुर गांव के रिंकू के मोबाइल पर दीपावली के दिन फोन आया और फोन करने वाले ने बताया कि दीपावली का गिफ्ट मिला है। गूगल पे में 30,000 दिया जाएगा, आपके मोबाइल पर ओटीपी भेजा गया है, उसे बता दीजिए युवक साइबर ठगो के झांसे में आ गया और ओटीपी बता दिया। उसके अकाउंट से 15,700 रुपये कट चुके थे। नौगढ़ थाने में और साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
केस- तीन
31 जनवरी को बाघी गांव की किरन केसरी ने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराया कि अपनी पुत्री के खाते में 1,55,000 जमा किए थे। उनका मोबाइल फोन बंद था, वह सिम एक वर्ष पूर्व ही खो चुका था। यूपीआइ के माध्यम से मई से लेकर अगस्त के बीच में टोटल 1,55,000 का शापिंग कर डाला। महिला ने जब अकाउंट जांच कराया तो 1,55,000 कम मिले तो किरण केशरी ने साइबर क्राइम में एवं नौगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
केस-चार
29 अप्रैल को बाघी गांव के अजीज अली के पत्नी के मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने अपने को पुलिस का अधिकारी बताया था। तुम्हारा बेटा जेल में बंद है एवं वाट्सएप पर पुलिस का डीपी भी लगाया हुआ था। पहले तो पचास हजार की मांग की जब वह नहीं दे सकी तो बीस हजार मांगा। कर्ज लेकर वह बीस हजार भेज दी। इसके बाद ठगों ने अपना मोबाइल बंद कर दिया। साइबर क्राइम में आनलाइन शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
ठगी के जाल से ऐसे बचें, अवकाश वाले दिन होती है ज्यादा घटनाएं
पुलिस क्षेत्राधिकारी नामेंद्र कुमार रावत का कहना है कि साइबर अपराधी अचानक कोई घटना को अंजाम नहीं देते। वह पूरी प्लानिंग के साथ काम करते हैं। उनके मोबाइल नंबर से लेकर खाता नंबर तक फर्जी होते हैं। बाद में उस खाते से रकम निकाल लेते हैं। वह नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। इसके लिए लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है। वह अपना ओटीपी नंबर, खाता नंबर और अकाउंट, एटीएम कार्ड नंबर आदि बिल्कुल न बताएं। यह नंबर गोपनीय होते हैं। ऐसी घटनाएं खासकर अवकाश वाले दिन ज्यादा होती है। ठगी होने पर 1930 नंबर पर काल जरूर करें।

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