Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घर बैठे असली व नकली उर्वरक की पहचान कर सकेंगे किसान, कम लागत में होगा फसलों का बेहतर उत्पादन; जानें- कैसे

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 18 Aug 2023 04:45 PM (IST)

    नकली और असली खाद की पहचान किसान अपने घर पर ही कर सकते हैं। इससे कम लागत में फसलों का उत्पादन भी बेहतर होगा और खेतों की उर्वरा भी बरकरार रहेगी। धान की फसल की रोपाई समाप्त होने के बाद किसान अब खाद प्रबंधन में लग गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि असली खाद की पहचान कैसे कर सकेंगे।

    Hero Image
    असली व नकली उर्वरक की पहचान कर सकेंगे किसान। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    चंदौली, जागरण संवाददाता। धान की रोपाई का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। ऐसे में ज्यादातर किसान फसल में खरपतवार व उर्वरक प्रबंधन में लगे हुए हैं। फसलों में लागत का एक बड़ा हिस्सा उर्वरकों के प्रयोग में लग जाता है। यदि गुणवत्ता युक्त उर्वरक न मिले तो धन खर्च होने के साथ- साथ उत्पादन में कमी आती है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होने लगती है। इसलिए खेत में प्रयोग से पहले गुणवत्तापूर्ण असली उर्वरकों की पहचान जरूरी है। असली व गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों की प्राथमिक पहचान अन्नदाता अपने घर पर ही कर सकेंगे। इससे सही खाद का प्रयोग कर उत्पादन को बेहतर बनाया जा सकेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे करें असली उर्वरकों की पहचान

    • यूरिया: असली यूरिया के दाने सफेद, चमकदार और एक समान आकार के होते हैं। इसके दाने पानी में पूरी तरह घुल जाते हैं। इसके घोल को छूने पर ठंडा लगे तो समझ लेना चाहिए कि यह असली यूरिया है।
    • पोटाश : इस खाद की असली पहचान यह है कि इसका सफेद कणाकार पिसे नमक व लाल मिर्च जैसा मिश्रण। पोटाश के कण नम करने पर आपस में नहीं चिपकते हैं। एक बात और पोटाश को पानी में घोलने पर इसका लाल भाग पानी में ऊपर तैरता रहता है।
    • सिंगल सुपर फास्फेट: असली सुपर फास्फेट की पहचान करना बेहद आसान है। इसके दाने सख्त व इसका रंग भूरा, काला व बदामी होता है। इसके कुछ दानों को गर्म करें और यदि ये नहीं फूलते हैं तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है। ध्यान रखें गर्म करने पर डीएपी आदि उर्वरक के दाने फूल जाते हैं।
    • जिंक सल्फेट : इसके घोल में डीएपी का घोल मिलाने पर यदि थक्केदार घना अवक्षेप बन जाए तो जिंक सल्फेट असली है। उपरोक्त खादों के अलावा किसान अपने खेतों में यूरिया की जगह नैनो तरल यूरिया का भी छिड़काव कर सकते हैं।