दरकते-टूटते रिश्तों के दौर को आइना दिखाती है यह 'दास्तान', भाभी ने देवर को किडनी देकर बचा ली जान
चंदौली के इमिलियां गांव की नीलम सिंह ने अपने देवर इंदल सिंह बाबा को किडनी दान कर नई जिंदगी दी। इंदल सिंह कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और चिकित्सकों ने किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी थी। नीलम का त्याग पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है और समाज में रिश्तों की नई परिभाषा प्रस्तुत करता है।

जागरण संवाददाता, (बरहनी) चंदौली। वर्तमान दौर में दरकते टूटते रिश्ते और परिवार के बीच यह सच्ची घटना आपको मजबूर कर देगी कि परंपराएं और मूल्य आज भी कुछ परिवारों में जीवंत हैं। भाइयों के बीच दरार डालने वाली भौजाइयों की कहानी आपने बहुत सुनी होगी लेकिन यहां देवर की जिंंदगी पर आंच आई तो मां समान भाभी ने अपनी किडनी दान कर मिशाल कायम की है।
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समाज में भाभी को मां का दर्जा दिया गया है, लेकिन जब एक भाभी अपने देवर के लिए जीवनदायिनी बन जाती है, तो इस रिश्ते की महत्ता और भी बढ़ जाती है। ऐसा ही एक उदाहरण विकास खंड बरहनी के इमिलियां गांव की निवासी नीलम सिंह ने प्रस्तुत किया है। उन्होंने अपने देवर, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि इंदल सिंह बाबा को अपनी किडनी दान कर एक नई जिंदगी दी है। यह कदम आज के रिश्तों में आए बदलाव और गिरावट के संदर्भ में एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
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बीते शनिवार को दिल्ली में सफल किडनी प्रत्यारोपण के बाद, इंदल सिंह बाबा और नीलम सिंह दोनों स्वस्थ हैं। इंदल सिंह, जो पूर्व ब्लाक प्रमुख बरहनी नंदकिशोर सिंह दीवान के भतीजे हैं, तीन भाइयों में मझले हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी सीमा सिंह बरहनी सेक्टर नंबर एक की जिला पंचायत सदस्य हैं। इंदल सिंह कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। हाल ही में उनकी जांच के बाद चिकित्सकों ने किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी थी, जिसके चलते उन्हें कुछ समय डायलिसिस भी कराना पड़ा।
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इस कठिन समय में, इंदल सिंह के बड़े भाई की पत्नी नीलम सिंह ने अपने देवर की मदद करने का निर्णय लिया और अपनी किडनी दान करने का साहसिक कदम उठाया। नीलम का यह त्याग न केवल पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में रिश्तों की नई परिभाषा भी प्रस्तुत करता है।
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नीलम सिंह के इस कार्य ने यह साबित कर दिया है कि रिश्तों में निस्वार्थता और त्याग की भावना कितनी महत्वपूर्ण होती है। आज के युग में जब रिश्तों में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, ऐसे में नीलम का यह कदम एक प्रेरणा है। उन्होंने न केवल अपने देवर को जीवनदान दिया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि सच्चे रिश्ते में एक-दूसरे के लिए त्याग करना कितना आवश्यक है।
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इस सफल प्रत्यारोपण के बाद, नीलम और इंदल दोनों की सेहत में सुधार हो रहा है। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए गर्व का विषय है। नीलम सिंह के इस कदम ने दरकते पारिवारिक संबंधों की बुनियाद को इतना मजबूत बनाया है जिसकी शब्दों में महानता को सिद्ध नहीं की जा सकती है। नीलम सिंह के इस फैसले ने यह दिखाया है कि सच्चे रिश्ते में एक-दूसरे के लिए जीवन बचाने से जुड़े होते हैं जिसे निभाने के लिए जज्बे की जरूरत है। यह घटना हमारे समाज में रिश्तों की गरिमा को पुनर्स्थापित करने का एक सार्थक प्रयास भी है।
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