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    देवरिया में तीन महिलाओं का एक साथ निकला जनाजा तो रो पड़े लोग, गांव में नहीं जला चूल्हा

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 01:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के नवलपुर गांव में मऊ में हुई एक बस दुर्घटना में तीन महिलाओं की मृत्यु के बाद मातम छाया हुआ है। मृतकों में एक सास और दो बहुएं शामिल हैं। शुक्रवार की रात तीनों का जनाजा एक साथ निकला तो पूरा गांव रो पड़ा। हादसे में पांच बच्चे भी घायल हुए हैं, जिन्होंने अपनी मां का साया खो दिया है। पूरे गांव में शोक की लहर है।

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    जागरण संवाददाता, सलेमपुर। बस की चपेट में आने से मऊ में हुई सास और दो बहुओं की मृत्यु के बाद गुरुवार की देर रात शव घर नवलपुर गांव पहुंचा। दिनभर हादसे में परिवार के घायल बच्चों के उपचार व पूना से स्वजन के आने का इंतजार किया गया। शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे के करीब एक ही परिवार के तीनों महिलाओं का जनाजा एक साथ निकला तो स्वजन और ग्रामीण बिलख कर रो पड़े। उनकी आंखें नम थी, पूरा माहौल में सन्नाटा पसरा था। इस जनाजे में नवलपुर गांव के बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं गमगीन माहौल में शामिल हुए।

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    नवलपुर के रहने वाले रफीक अहमद अपने भांजी की बेटी की शादी में शामिल होने मऊ जनपद के पहाड़पुर गांव गए थे। साथ में उनकी पत्नी 60 वर्षीय मोहजबीन, 33 वर्षीय बहु शाहिन, 30 वर्षीय छोटी बहू नूरी, सात वर्षीय पोता शाहिद, नौ साल की पोती रोकइया, डेढ़ साल की संवरिया, तीन साल की सुमैया व डेढ़ साल की नाबिया भी गए थे।

    वहां से वे अपने बहन की तबीयत खराब होने पर वे वहां से प्रेमपुर स्थित अपने बहन को पूरे परिवार के साथ ई-रिक्शा से जा रहे थे। जहां बस के चपेट में आने से सभी लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। जिसमें मोहजबी, शाहिन और नूरी की अस्पताल जाते समय मृत्यु हो गई। वहीं अन्य सभी गंभीर रुप से घायल हो गए।

    देर रात तीनों शव गांव पहुंचा तो गांव में चीख-पुकार मच गई। रफीक के बड़े बेटे तौमिन परिवार के साथ पूना रहते हैं। वे खबर सुनकर देर रात गांव पहुंचे। उसके बाद अस्पताल में बच्चों को छोड़कर घर पहुंचे तौहिर और तौकीर ने अपनी पत्नियों के जनाजे में शामिल हुए।

    पांच मासूमों के सिर से छिन गया मां का साया
    सलेमपुर: सास व दो बहुओं की हादसे में मृत्यु के बाद दोनों बहुओं के पांच मासूम बच्चों के सिर से मां का साया छीन गया। इस समय पांचों बच्चे मऊ के एक निजी अस्पताल में जीवन के साथ संघर्ष कर रहे हैं।

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    अपने मां व दादा- दादी के साथ वैवाहिक उत्सव में शामिल होने मऊ के पहाड़पुर में अपने दादा के भांजी के घर शाहिद सात वर्ष, पोती रोकइया नौ साल, संवरिया डेढ़ साल, सुमैया तीन साल व नाबिया डेढ़ साल को क्या पता था कि शादी के बहाने उनके मां व दादी का साया ही उनसे छीन जाएगा। गुरुवार की दोपहर में बरात आनी थी और और बरात आने के पहले ही इन बच्चों की दादी मोहजीन मां शाहिन व नूरी इस दुनिया को छोड़ चली गई।

    वहीं पांचों बच्चे भी गंभीर रुप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती हो गए। यह संयोग ही था कि जिस ई रिक्शा में सभी लोग सवार थे। उसमें तौहिद भी बैठे थे। बीच रास्ते में उनकी चाचाी का फोन आने पर वे उतर कर उन्हें लेने के लिए रेलवे स्टेशन चले गए, नहीं तो उनके साथ भी कुछ हो सकता था। अब इन बच्चों की परवरिश कौन करेगा। घर में कोई महिला नहीं बची है। दादा और बच्चों के पिता ही उनके सहारा हैं, लेकिन मां की ममता को कोई पूरा नहीं कर सकता।

    सभी बच्चे डेढ़ साल से नौ साल के बीच में ही हैं। ऐसे में इनकी परवरिश भी भगवान भरोसे ही है। हालांकि अभी सभी बच्चों का उपचार चल रहा है। सभी उनके स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे हैं।