रिश्वतखोरी: जैथरा में लेखपाल निलंबित, किसान से वसूली सुविधा शुल्क!
एटा के जैथरा में लेखपाल द्वारा वरासत में नाम दर्ज करने के लिए किसान से 11,500 रुपये की रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, एटा। कस्बा जैथरा स्थित जनसेवा केंद्र पर वरासत में नाम दर्ज करने के नाम पर लेखपाल नेे किसान से साढ़े ग्यारह हजार रुपये की सुविधा शुल्क ली थी। जिसके स्क्रीन शार्ट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गए थे। जिसके बाद तहसीलदार से मामले की जांच कराई गई। जिसके दौरान दोषी पाए गए लेखपाल को एसडीएम अलीगंज ने निलंबित कर दिया। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कराई है।
जनसेवा केंद्र को लेकर तरह-तरह की चर्चा, दो बार में ली गई थी धनराशि
थाना जैथरा क्षेत्र निवासी ब्रजेश ने लेखपाल रोहित चौधरी से वरासत में नाम दर्ज कराने के लिए कहा था। आरोप है कि छह खातों की वरासत में नाम दर्ज कराने के लिए 12 हजार रुपये की मांग की गई थी। जिसके लिए प्रति खाता दो हजार रुपये लेखपाल ने बताए थे। इसे लेकर किसान ने लेखपाल के कहने पर जैथरा जनसेवा केंद्र संचालक के खाते में साढ़े ग्यारह हजार रुपये आनलाइन ले लिए थे। आनलाइन ली गई धनराशि के स्क्रीन शार्ट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गए। जिससे राजस्व विभाग की किरकिरी हो गई।
तहसीलदार की तरफ से की गई जांच में लेखपाल दोषी
मामले की जानकारी होने पर एसडीएम अलीगंज ने प्रकरण की जांच के लिए तहसीलदार अलीगंज को निर्देशित किया। तहसीलदार की तरफ से की गई जांच में लेखपाल दोषी पाए गए। इसे लेकर एसडीएम अलीगंज जगमोहन गुप्ता ने लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही एसडीएम ने विभागीय जांच भी शुरू कराई है।
बता दें कि पीड़ित ने 21 नवंबर को वरासत में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया था। काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब उसका नाम दर्ज नहीं हो सका तो उसने लेखपाल से गुहार लगाई थी। इसके बाद उससे पहले दस अौर दूसरी बार में 1500 रुपये की अानलाइन सुविधा शुल्क ली गई थी।

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