Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पटना पक्षी विहार में आएगी बहार, झील कर रही सात संमंदर पार के पखेरुओं का इंतजार

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 02:45 PM (IST)

    पटना पक्षी विहार विदेशी पक्षियों के स्वागत के लिए तैयार है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही सात समंदर पार से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी यहां आते हैं। यह झील इन मेहमानों का बेसब्री से इंतजार कर रही है, जिससे यह विहार प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, एटा। जलेसर स्थित पटना पक्षी विहार मेहमान परिदों के लिए अभी से तैयार हो चुका है। यहां की मनोरम झील का आकार इस बार बढ़ गया है। झील बारिश के पानी से लबालब हो गई है। जिसे देखकर पर्यटन विभाग भी सक्रिय हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह झील पक्षी विहार के सौंदर्य में चार-चांद लगा रही है। पर्यटन स्थल पटना पक्षी विहार में भले ही पक्षियों के आने में अभी पंद्रह दिन बाकी हैं, लेकिन मेहमान परिदों के लिए यह पक्षी विहार पलक-पांवड़े बिछा रहा है।

    प्रदेश सरकार हर बार रख रखाव के लिए धनराशि देती है। इससे मेंटीनेंस का काम होता है। रंगाई-पुताई, पार्किंग स्थल का विकास, खड़ंजा निर्माण, फैंसिग, सफाई आदि कराई जा रही है। दो दशक पूर्व यहां पक्षियों की संख्या पांच लाख तक हो जाती थी, लेकिन झील में पानी कम होने से पिछले वर्ष तक यह संख्या एक लाख हजार रह गई।

    ज्यादा आकर्षति होते हैं पक्षी

    पर्यावरण विद प्रवेश पांडेय ने बताया कि झील में पानी अधिक होता है तो परिंदे ज्यादा आकर्षित होते हैं। बीते समय में आने वाले परिदों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन इस बार पक्षी विहार की देखरेख करने वाले वन विभाग और पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि यहां पक्षी अधिक आएंगे। जिला प्रशासन भी सक्रिय


    पटना पक्षी विहार के विकास को लेकर जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। उसका मानना है कि आगरा में अधिक पर्यटक आते हैं, वे इस पक्षी विहार की ओर भी आकर्षित हों, इसलिए यहां सुविधाएं बढ़ानी होंगी। प्रशासनिक अधिकारी स्वयं इस पक्षी विहार का निरीक्षण कर चुके हैं। क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर भी विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने में जुटे हैं।

    खजूर का वन करता है आकर्षित

    ब्रज में पक्षी विहार कई जिलों में है, लेकिन पटना पक्षी विहार में खजूर का वन पर्यटकों को अधिक आकर्षित करता है। झील किनारे इस वन में पक्षी विचरण करते हैं और उनका कोलाहल लोगों का मन मोह लेता है। इस बार पटना पक्षी विहार की झील अभी से ही पक्षियों को आने का न्यौता दे रही है। इस बार पानी काफी मात्रा में है। झील का आकार भी बड़ा हो चुका है। इसलिए यहां मेहमान परिदे अधिक आएंगे। हम अभी से ही तैयारियां कर रहे हैं।

    नवंबर के अंत तक पक्षी आने शुरू हो जाते हैं। इनमें किगफिशर, सोवलर, जयकान, डबचिक, स्नेक बर्ड, कामन मोर हैन, राजहंस, बार हैडेड गूज, नीलसर, पिटेल, कामन टील, काटन टील, काम डक, स्काट बिल, कूट, ब्रह्मनी डक, आइविश, ब्लैक आई विश, पैंटेड स्टोर्क, ब्लैक नैक स्टोर्क, व्हाइट नैक स्टोर्क, विसलिग टील, ग्रेलेग गूज, रेड क्रिस्टेड पोचार्ड, कामन पोचार्ड, पर्पल मोर हैन आदि देशी-विदेशी प्रजाति के पक्षी शामिल रहते हैं।

    कहां ठहरें?

    पटना पक्षी विहार आने वाले पर्यटकों के ठहरने के लिए जिला मुख्यालय पर तमाम होटल उपलब्ध हैं। पर्यटक आगरा में भी स्टे करके पटना पक्षी विहार आकर एक दिन में वापस लौट सकते हैं।

    कब जाएं घूमने?

    नवंबर से लेकर फरवरी तक पंहुचकर पक्षियों को देख सकते हैं। देश विदेश की तमाम प्रजातियों के पक्षी देखने को मिल जाएंगे