School Holidays: कक्षा एक से 12वीं तक सभी स्कूलों की छुट्टी, यूपी के इस जिले में डीएम ने जारी किए आदेश
School Closed एटा में श्रावण मास के अंतिम सोमवार को जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। रूट डायवर्जन और कावड़ यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. इंद्रजीत ने सभी विद्यालयों को निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।

जागरण संवाददाता, एटा। School Closed: श्रावण मास के अंतिम सोमवार को रूट डायवर्जन तथा कांवड़ यात्रियों की भीड़ के दृष्टिगत जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह के निर्देश पर कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉक्टर इंद्रजीत ने सोमवार चार अगस्त को अवकाश घोषित करते हुए बताया है कि परिषदीय, सीबीएसई, माध्यमिक शिक्षा परिषद सहित समस्त विद्यालय निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
बेहद प्रसिद्ध है निधौली कलां का शिव मंदिर, सावन के सोमवार को उमड़ती है आस्था
नगर पंचायत निधौली कलां के मुख्य मार्ग, रामलीला ग्राउंड के सामने स्थित चौमुखी महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। मंदिर तक चार पहिया व दुपहिया वाहनों के साथ ही पैदल आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर का इतिहास- यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना बताया जाता है, जिसकी स्थापना 17वीं शताब्दी में विलासराव कुलश्रेष्ठ एवं मटरूमल कुलश्रेष्ठ द्वारा कराई गई थी।
चौमुखी महादेव मंदिर निधौली कलां- जागरण
ककया ईंट और चूने से निर्मित हैं मंदिर की गुम्बद
यह मंदिर भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय, नंदी और बजरंगबली सहित पूरे शिव परिवार की प्रतिमाओं से सुशोभित है। साथ ही मां शेरावाली का भव्य दरबार भी स्थापित किया गया है। सावन माह और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है। मंदिर की विशेषताएं मंदिर की गुम्बद और दीवारों पर की गई शिल्पकारी इसकी प्राचीनता की गवाही देती है। ककया ईंट और चूने से निर्मित इस मंदिर की ऊपरी गुम्बद पर भगवान शिव एवं पार्वती के विभिन्न स्वरूप उकेरे गए हैं।
शिवलिंग की चौथी सबसे प्राचीन मूर्ति
इस क्षेत्र में शिवलिंग की यह चौथी और सबसे पुरानी प्राचीन मूर्ति है। इसके अतिरिक्त मंदिर में स्थापित बजरंगबली की मूर्ति भी अत्यंत प्राचीन और दर्शनीय है। श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान शिव और बजरंगबली की कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंदिर में विधि-विधान से पूजन करने पर इच्छाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। सावन मास में पूरे महीने विशेष पूजन, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन के माध्यम से लोग शिव कृपा प्राप्त करते हैं।
भगवान शिव की आराधना से परिवार में सुख-शांति, संतान सुख, आर्थिक उन्नति और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है। मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धा से पूजा अर्चना करता है, उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। विशाल कुलश्रेष्ठ, श्रद्धालु
पिछले 20 वर्षों से मंदिर की सेवा कर रहा हूं। जनमानस को भगवान से जोड़ना और उनके जीवन में भक्ति का दीप जलाना ही मेरी प्राथमिकता है। यही मेरे जीवन का उद्देश्य है। मंदिर के प्रति लोगों में अपार आस्था है और श्रावण माह में अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं। आरपार बाबा, पुजारी
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