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    बीएड प्रवेश परीक्षा में तीन हजार 384 रहे गैर हाजिर

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jul 2022 12:03 AM (IST)

    अविवि के संयोजन में सात जिलों के 149 परीक्षा केंद्रों पर हुई बीएड प्रवेश परीक्षा.अयोध्या में 36 केंद्रों पर पर्यवेक्षक स्टेटिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में परीक्षा संपन्न .

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    बीएड प्रवेश परीक्षा में तीन हजार 384 रहे गैर हाजिर

    अयोध्या: डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की परिधि में आने वाले सात जिलों के 149 परीक्षा केंद्रों पर बुधवार को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा संपन्न हो गई। इसमें 63 हजार 146 परीक्षार्थियों के सापेक्ष तीन 384 परीक्षार्थी अनुपस्थित मिले। अयोध्या के 36 केंद्रों पर 16 हजार 787 परीक्षार्थियों में से दोनों पालियों में 1882 गैरहाजिर रहे।

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    बुधवार को नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए अवध विवि प्रशासन जुटा रहा। विवि सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने पहली पाली में विवि परिसर के प्रचेता, दीक्षा, परीक्षा भवन के साथ आइइटी एवं प्रबंधन भवन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। दूसरी पाली में कुलसचिव उमानाथ के अलावा महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के प्रतिनिधि डा. पवन कुमार सिंह, नोडल समन्वयक प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल व जिला समन्वयक प्रो. गंगाराम मिश्र ने परीक्षा का का जायजा लिया। इसके अलावा कुलसचिव ने सीसी कैमरों का संचालन भी देखा। प्रत्येक केंद्र पर दो पर्यवेक्षक, एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट, दो केंद्रों के लिए एक केंद्र प्रतिनिधि तैनात थे। मीडिया प्रभारी डा. विजयेंदु चतुर्वेदी ने बताया कि बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा दोनों पालियों में सकुशल संपन्न हो गई। जिला विद्यायल निरीक्षक राजेंद्र कुमार पांडेय तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी परीक्षा केंद्रों का जायजा लेते रहे। साकेत महाविद्यालय केंद्र पर एक अभ्यर्थी मोबाइल लेकर दाखिल हुआ तो कालेज प्रशासन ने इसे फौरन जमा करा लिया। प्राचार्य डा.अभय कुमार सिंह ने बताया परीक्षा सकुशल संपन्न हुई।

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    तकनीक से जांची जाती रही परीक्षार्थी की पहचान

    अयोध्या: बीएड परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों के असली व नकली होने की पहचान तकनीक के आधार होती रही। इस दौरान टैबलेट से लैस कुछ युवा परीक्षार्थियों से संबंधित इंट्री डालते तो परीक्षार्थियों का चित्र टैब के स्क्रीन पर फ्लैश होने लगता था, इस तस्वीर से परीक्षा कक्ष में मौजूद परीक्षार्थी का मिलान किया जाता था। इससे परीक्षार्थी की सत्यता की जांच हुई।