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    Farrukhabad ODOP: बेजान लकड़ी पर इबारत से बोल उठते हैं रंग, ब्लाक प्रिंटिंग कारीगरी की राज्यपाल भी हैं मुरीद

    By Mohammad Aqib KhanEdited By: Mohammad Aqib Khan
    Updated: Fri, 21 Apr 2023 04:28 PM (IST)

    Farrukhabad ODOP फर्रुखाबाद में कपड़े की छपाई में लकड़ी का ब्लाक (डट्टा) का इस्तेमाल होता है। इस डट्टा को शीशम की लकड़ी पर लोहे की कलम (छोटी छेनी) से तरह-तरह की कलाकृतियां उकेरी जाती हैं। इन्हीं कलाकृतियों के जरिए कपड़ों पर छपाई की जाती है।

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    Farrukhabad ODOP: बेजान लकड़ी पर इबारत से बोल उठते हैं रंग, ब्लाक प्रिंटिंग कारीगरी की राज्यपाल भी मुरीद : जागरण

    फर्रुखाबाद, जेएनएन: फर्रुखाबाद अपनी ब्लॉक प्रिंटिंग (लकड़ी और पीतल से बनी) के लिए जाना जाता है। इन ब्लॉकों का उपयोग कंबल कवर, शॉल, साड़ी, सूट, स्कार्फ, स्टोल आदि सहित विभिन्न वस्तुओं पर किया जाता है। यहां बने उत्पादों की न केवल भारत में बल्कि यूएस, ब्राजील और कई एशियाई और यूरोपीय देशों में भी मांग है।

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    कपड़े की छपाई में लकड़ी का ब्लाक (डट्टा) का इस्तेमाल होता है। इस डट्टा को शीशम की लकड़ी पर लोहे की कलम (छोटी छेनी) से तरह-तरह की कलाकृतियां उकेरी जाती हैं। इन्हीं कलाकृतियों के जरिए कपड़ों पर छपाई की जाती है। करीब 50 परिवारों के करीब 500 लोग डट्टा की लकड़ी पर नक्काशी का हुनर जानते हैं। इनके परिवारों के बच्चों को भी यही हुनर सिखाया जाता है।

    फर्रुखाबाद में कपड़े पर छपाई का उद्योग काफी पुराना है। कपड़ों की छपाई यहां हाथों से ही होती है। इसके शीशम की लकड़ी के ठप्पे (ब्लाक या डट्टा) तैयार किए जाते हैं। कपड़ों पर छपाई को आकर्षक बनाने के लिए ठप्पों पर विभिन्न कलाकृतियां, जिसमें फूल पत्ती व अन्य आलेखन होता है। इस आलेखन को बनाने की महारत यहां के करीब 50 परिवार के लोगों के पास है। जहां कई पीढ़ियों से यही काम होता है।

    डिजाइन के आधार पर तय होती कीमत

    कपड़ा छपाई का व्यवसाय करने वाले लोग शीशम की लकड़ी और डिजाइन को नील के जरिए लकड़ी पर उतारकर लोहे की कलमों से डिजाइन कुरेदते हैं। डिजाइन के आधार पर उसकी कीमत तय होती है। एक कारीगर दिन भर में करीब तीन सौ से चार सौ रुपये तक का काम कर लेते हैं।

    कारीगरी की राज्यपाल भी हैं कद्रदान

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जब फर्रुखाबाद आईं थी तो प्रिंटिंग ब्लाक उनको काफी भाए थे। ब्लाक पर की गई बारीक कारीगरी को उन्होंने सराहा था और खुद ब्लाक से छपाई करके भी देखा था। 

    उचित कीमत न मिलने पर हो रहा पलायन

    कारीगरों को उनकी मेहनत के आधार पर उचित मेहनताना नहीं मिल पता है। इस कारण यहां से लोग पलायन कर गए हैं। हाथ में हुनर के बावजूद लोगों को काम की तलाश में जयपुर और इंदौर शहरों में जाना पड़ता है।

    एक जिला एक उत्पाद योजना

    यूपी सरकार ने फर्रुखाबाद की ब्लाक प्रिंटिंग को 'एक जिला एक उत्पाद' योजना में भी शामिल किया है। 24 जनवरी, 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक जिला एक उत्पाद योजना' लॉन्च की थी। अंग्रेजी भाषा में इस योजना को 'One District One Product' कहा जाता है।