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    Farrukhabad News: जलने के बाद खुद स्कूटी चलाकर अस्पताल पहुंची थी न‍िशा, पुलिस ने खंगाला मोबाइल

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 10:34 PM (IST)

    फर्रुखाबाद में विवाहिता को जलाने की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है। पुलिस को घटनास्थल पर आग लगाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। महिला को अस्पताल ले जाने वाले स्टाफ के अनुसार उसके शरीर में पेट्रोल की दुर्गंध नहीं थी। महिला के मोबाइल में आरोपित की गाली-गलौज की रिकॉर्डिंग मिली है। पुलिस कॉल डिटेल और बच्चों के बयान पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

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    व‍िवाह‍िता को पेट्रोल डालकर जिंदा जला द‍िया गया था।

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। पेट्रोल डालकर विवाहिता को जिंदा फूंकने की गुत्थी दूसरे दिन भी उलझी रही। घटनास्थल पर आग लगाने के साक्ष्य पुलिस को नहीं मिले हैं। पुलिस ने पास में ही स्थित कॉलेज के बाहर लगे कैमरों की फुटेज भी जांची है। महिला को लोहिया अस्पताल लाने वाली एंबुलेंस में तैनात सुनील कुमार और इमरजेंसी में तैनात डॉ. अमन कुमार से पूछताछ की गई। दोनों ने बताया कि महिला के शरीर में पेट्रोल की दुर्गंध नहीं थी।

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    डॉ. अमन कुमार के मुताबिक वह 70 से 80 प्रतिशत जली थीं। महिला के मोबाइल फोन में आरोपित की गाली-गलौज की रिकॉर्डिंग मिली है। घटना वाले दिन महिला के मायके और ससुराल के रास्ते में स्थित चौराहे पर दोनों के एक साथ होने की भी जानकारी सामने आई है। पुलिस की जांच विवाहिता के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल और बच्चों के बयान पर टिकी है। चार टीमें आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हैं। एएसपी डॉ. संजय कुमार के अनुसार लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि निशा ने जलाने के संबंध में किसी के नाम नहीं बताए थे।

    जहानगंज क्षेत्र के गांव झिझुकी निवासी शिक्षामित्र बलराम सिंह की 33 वर्षीय पुत्री निशा सिंह फतेहगढ़ के नेकपुर चौरासी में किराये का घर लेकर दो बेटों के साथ रहती थीं। उनके पति अमित दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। छह सितंबर यानी शनिवार दोपहर पिता को दरियावगंज में निशा के जलने की सूचना मिली तो वह उन्हें 108 सेवा की एंबुलेंस से लेकर डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। वहां से उन्हें आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पिता ने रविवार को नगला जैतपुर (कछियन नगला) निवासी दीपक चौहान और उसके छह अज्ञात साथियों के खिलाफ पुत्री को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की तहरीर दी थी। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।

    सोमवार दोपहर एएसपी डॉ. संजय कुमार, मोहम्मदाबाद सीओ अजय वर्मा और जहानगंज थानाध्यक्ष राजेश राय बताए गए घटनास्थल गांव कुंदन गनेशपुर स्थित दयाराम इंटर कॉलेज के पीछे बाग में पहुंचे और वहां छानबीन की। निशा के आग से जलने की सूचना देने वाले गांव दरियावगंज निवासी डॉ. धीरेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि उनका परिवार उन्हीं के यहां दवा लेता है। छह सितंबर को निशा उनके अस्पताल में स्कूटी से आईं और बताया कि वह जल गई है, बचा लो। हालांकि यह नहीं बताया कि वह कैसे जली हैं। उनके शरीर पर घाव थे।

    लोहिया अस्पताल के फार्मासिस्ट संजीव कुमार ने बताया कि जब निशा अस्पताल आईं तो पुरुषों के कपड़े पहने थीं। निशा के 11 वर्षीय व आठ वर्षीय पुत्रों ने पुलिस को बताया कि छह सितंबर को मां के पास किसी का फोन आया था। उसके बाद मम्मी गुस्से में घर से चली गईं थीं। अंतिम संस्कार के समय पति अमित चौहान ने घटना के कारणों को लेकर अनभिज्ञता जताई।

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