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    यूपी के इस जिले में औद्योगिक विकास को नई दिशा, यहां 85 एकड़ भूमि पर औद्योगिक जोन की स्थापना की तैयारी

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 11:07 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में कंपिल कताई मिल की 85 एकड़ भूमि पर औद्योगिक जोन स्थापित करने की तैयारी चल रही है। प्रशासन और उद्योग विभाग ने इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए पहल की है।

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    कंपिल स्थित कताई मिल परिसर, जिसकी खाली पड़ी भूमि पर औद्याेगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है। जागरण

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रदेश के 15 जिलों में औद्योगिक जोन परियोजना के शुभारंभ की योजना है। इसमें फर्रुखाबाद सहित 15 जिलों को चयनित किया गया है, जिनमें कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन, कन्नौज, इटावा, मेरठ, अलीगढ़, मऊ, मिर्जापुर, बाराबंकी, रायबरेली, झांसी, बुलंदशहर और भदोही भी शामिल हैं। योजना के तहत जनपद में तीन दशक से बंद पड़ी कंपिल कताई मिल की करीब 85 एकड़ भूमि को चिह्नित किया गया है। इससे जिले में औद्योगिकीकरण व रोजगार के क्षेत्र में विकास की नई संभावनाओं को पंख लग सकते हैं।

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    लगभग चार दशक पूर्व तत्कालीन सांसद व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद आलम खां के प्रयासों से कंपिल में कताई मिल की स्थापना की गई थी। हालांकि, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के चलते दस साल में ही मिल बंद हो गई। कामगार बेरोजगार हो गए। कताई मिल में करोड़ों की लागत से लगी मशीनों जंग खाकर निष्प्रायोज्य हो गईं। मिल परिसर की करीब 85 एकड़ भूमि भी बेकार पड़ी है। प्रदेश सरकार ने अब कताई मिल की भूमि के प्रबंधन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास अभिकरण को सौंपी है। यहां पर औद्योगिक जोन प्रस्तावित है।

    सहायक प्रबंधक (उद्योग) मोहम्मद आजम ने बताया कि यूपीसीडा की ओर से इस जमीन पर बुनियादी ढांचा तैयार कर औद्योगिक भूखंडों की प्लाटिंग प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो सकती है। प्लाटों का आकार और आवंटन उद्योगों की जरूरतों के अनुसार तय होगा। यदि किसी इकाई को बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए अधिक भूमि की आवश्यकता होगी, तो उसे उतना क्षेत्र आवंटित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि हालांकि फिलहाल विभाग को सरदार पटेल जयंती पर प्रस्तावित कार्यक्रम से संबंधित दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। कंपिल जनपद का सीमावर्ती क्षेत्र है। आसपास के जनपद एटा व कासगंज इससे सटे हुए हैं। नई परियोजना से न केवल स्थानीय निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि आसपास के जिलों के उद्योगपति भी यहां निवेश कर सकेंगे। कंपिल की जीटी रोड से कनेक्टिविटी बढ़ने से यहां दिल्ली की राह सुलभ हो सकती है।


    खिमसेपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी बढ़ी रफ्तार


    खिमसेपुर औद्योगिक क्षेत्र खिमसेपुर स्थित 261 एकड़ के औद्योगिक क्षेत्र में अब औद्योगिक इकाइयों का निर्माण तेज हो चुका है। यहां लगभग 160 एकड़ का आवंटन पहले ही किया जा चुका है। अब तक सात यूनिट की स्थापना अंतिम चरण में है। जिनमें दो बड़ी औद्योगिक इकाइयां प्रमुख हैं। एक वुड बेकर प्राइवेट लिमिटेड (वेस्ट प्लास्टिक रीसाइक्लिंग यूनिट) और दूसरी गुरुग्राम की इंडोरामा वरुण बेवरेज लिमिटेड की बीयर निर्माण इकाई। इसके अलावा, स्थानीय उद्यमियों की टायर पायरोलिसिस (रिसाइक्लिंग) आदि की यूनिट भी यहां सक्रिय है। शेष लगभग 65 एकड़ भूमि के लिए आवेदन आ रहे हैं। यूपीसीडा जल्द ही इनका आवंटन करेगी। औद्योगिक इकाइयों को बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, जलापूर्ति और सीवरेज आदि चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जा रही हैं।


    स्थानीय युवाओं के लिए खुलेगा रोजगार का रास्ता


    कंपिल में नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से जिले के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे। छोटे उद्यमी भी लाभ उठा सकें। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उद्योग विभाग का मानना है कि खिमसेपुर और कंपिल दोनों क्षेत्र मिलकर जिले के औद्योगिक ढांचे को नया आधार देंगे।

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