फतेहपुर में एटीएस आने की दहशत में रजा के ‘कोर ग्रुप’ से जुड़े युवाओं के स्वजन सहमे
फतेहपुर में हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार मुहम्मद रजा के मामले में एटीएस जांच की आशंका से लोगों में दहशत है। रजा पर कट्टरपंथियों को इस्लामिक संदेश भेजने और विदेशी फंडिंग लेने का आरोप है। कोर ग्रुप से जुड़े कई युवा लापता हैं। ग्रामीणों को रजा के ऐसे कृत्यों का अंदाजा नहीं था। एटीएस रजा के ननिहाल में भी पूछताछ कर सकती है।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने के मामले में केरल से हत्थे चढ़े मुहम्मद रजा मामले में छानबीन करने एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) के आने की दहशत में कोर ग्रुप से जुड़े युवाओं के स्वजन सहमे हुए हैं। इस बारे में गुपचुप तरीके से ग्रामीणों में बात खूब हो रही हैं लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। कोर ग्रुप से जुड़े कई युवा गांव से नदारत हो गए हैं। पड़ोसी महिलाओं को छोड़ दें तो जांच की डर से मुहम्मद रजा के घर में मिलने जुलने वालों का आवाजाही भी बंद है।
बता दें कि राधानगर थाने के अंदौली निवासी मुहम्मद रजा गांव स्थित मदरसा में कक्षा चार की शिक्षा ग्रहण कर पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद भाइयों जीशान व शहजादा को लेकर केरल चला गया था। रजा को यूपी एटीएस लखनऊ की टीम ने केरल से 30 सितंबर को पकड़ा था। एटीएस की जांच में कट्टरपंथियों को इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर इंस्टाग्राम व वाट्सएप के जरिए इस्लामिक संगठनों से जुड़े वीडियो व मैसेज भेजने के साक्ष्य के साथ विदेशी फंडिंग के साक्ष्य मिले हैं।
चर्चा है कि अंदौली व आस पास के गांवों के कई युवा परदेश महाराष्ट्र, केरल आदि जगहों पर काम कर रहे हैं। जिसमें करीब चालीस युवाओं को रजा ने अपने कोर ग्रुप में जोड़ कर इस्लामिक मैसेज भेजता था। आइबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) व एलआइयू (स्थानीय खुफिया इकाई ) गोपनीय तरीके से छानबीन कर रही है।इंस्पेक्टर दिनेश मिश्र ने बताया कि यूपी एटीएस जांच एजेंसी पूरे मामले की जांच कर रही है। एजेंसी व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मामले की जांच कराई जाएगी। जिले में रजा पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है
ग्रामीण बोले, नहीं था कोई अंदाजा
दबी जुबान नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीण बस यही कह रहे हैं कि दस वर्ष पूर्व पिता जाबिर अली की मौत के बाद घर का बड़ा बेटा मु. रजा किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रहा है, वह ऐसी हरकत नहीं कर सकता है, इसका तनिक भी अंदाजा नहीं था। उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि रजा ऐसा कर सकता है!
ननिहाल ऐंराया भी जा सकती एटीएस
एटीएस के हत्थे चढ़े मु. रजा का ननिहाल खागा तहसील के ऐंराया गांव है। यदि एटीएस जांच में आई तो ननिहाल व आस पास के रिश्तेदारों के घर भी पूछताछ को जा सकती है। जमीला बानों ने बताया कि मां-पिता की मौत के बाद इकलौता भाई महाराष्ट्र के कालरी माजरी में रहकर प्राइवेट काम करता है। जिससे ऐंराया गांव में कोई नहीं रहता है। बेटा रजा निर्दोष है,उसे फंसाया गया है। केरल में रह रहे बेटे जीशान व शहजादा को घर नहीं बुला रही है यदि दोनों बेटे घर आ गए तो घरेलू खर्च नहीं चल पाएगा। वह पेंशन से किसी तरह खर्च चला रही है।
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