Updated: Fri, 05 Sep 2025 08:16 PM (IST)
फिरोजाबाद में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 71 लाख की सब्सिडी का घपला सामने आया है। यूको बैंक के शाखा प्रबंधक ने उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर लाभार्थियों की सब्सिडी फर्जी खातों में भेज दी। जांच के बाद डीएम ने बैंक प्रबंधक पर एफआईआर के आदेश दिए और स्पेशल ऑडिट की सिफारिश की। इस घोटाले में 20 लाभार्थियों की सब्सिडी का गबन हुआ।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमवाइएसवाइ) में लाभार्थियों के खाते में भेजने के लिए सरकार से आई 71 लाख की सब्सिडी का बीच में ही घपला हो गया। यूको बैंक के शाखा प्रबंधक और फील्ड मैनेजर के साथ मिलकर उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बड़ा खेल कर दिया।
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जब लाभार्थियों के खाते में धनराशि नहीं पहुंची, तो उद्योग विभाग के अधिकारी सतर्क हुए। बैंक में जाकर पड़ताल की गई। इसके बाद लाखों की सब्सिडी घपला प्रशासन तक पहुंच गया। डीएम ने गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यूको बैंक शाखा प्रबंधक के विरुद्ध एफआइार दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिए हैं।
साथ ही उद्योग विभाग की योजनाओं का स्पेशल आडिट कराने की संस्तुति की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इसमें एमवाइएसवाइ में सरकार नई इकाइयां स्थापित करने के लिए युवाओं को 25 लाख तक ऋण प्रदान करती है।
इसमें 25 प्रतिशत सब्सिडी बैंक के माध्यम से लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है। हालांकि यह धनराशि दो वर्ष तक एफडीआर के रूप में बैंक शाखा में जमा रहती है। दो वर्ष के बाद वह लाभार्थी के खाते में समायोजित कर दी जाती है।
शहर में यूको बैंक शाखा वित्तीय वर्ष 2023-24 में चार और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 लाभार्थियों के ऋण स्वीकृत किए गए। बैंक प्रबंधक द्वारा उपलब्ध कराए दो फर्जी खाते में इन 20 लाभार्थियों की 71.50 लाख सब्सिडी भेज दी गई। यह दोनों खाते भी बैंक प्रबंधक द्वारा उद्योग विभाग को उपलब्ध कराए गए थे।
लाभार्थियों के खाते तक सब्सिडी न पहुंचने पर उद्योग विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए। उपायुक्त उद्योग की शिकायत पर डीएम ने पूरे मामले की जांच के लिए एडीएम विशु राजा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। इसमें वरिष्ठ कोषाधिकारी सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं। कमेटी ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।
दीपांशु और सौरभ गुप्ता के खाते में पहुंची सब्सिडी
उद्योग विभाग अधिकारियों की मानें तो 20 लाभार्थियों की 71.50 लाख की सब्सिडी बैंक प्रबंधक द्वारा उपलब्ध कराए खातों में भेजी गई। इसमें सौरभ गुप्ता के खाते में चार लाभार्थियों की 25 लाख और दीपांशु तिवारी के खाते में 16 लाभार्थियों की 46.50 लाख की सब्सिडी भेजी गई। इसमें पहले वाले चार केस पूर्व उपायुक्त उद्योग दुष्यंत कुमार और 16 केस उपायुक्त उद्योग संध्या के कार्यकाल में यह धनराशि फर्जी खातों तक पहुंच गई।
दो वर्ष से चल रहा खेल, चुप्पी साधे रहे अधिकारी
एमवाइएसवाइ योजना में सब्सिडी में घपले का खेल दो वर्ष से चल रहा है। इसमें मुख्य भूमिका बैंक प्रबंधक, फील्ड अफसर और उद्योग विभाग के अधिकारियों की रही। दीपांशु तिवारी और सौरभ गुप्ता के बैंक खाते बैंक प्रबंधक द्वारा उपलब्ध कराए गए,जिनमें कोषागार से 71.50 लाख की सब्सिडी भेजी दी गई। इन सभी रिकार्ड पर बैंक प्रबंधक, फील्ड अफसर और उद्योग विभाग के अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं। इससे स्पष्ट है कि अंदरखाने सभी ने मिलकर लाखों का खेल कर डाला।
एमवाइएसवाइ में सब्सिडी में घपला होने की शिकायत मिली थी। जांच में पता चला कि सब्सिडी की राशि किसी अन्य खाते से निकाल ली गई। रिपोर्ट के आधार पर बैंक शाखा प्रबंधक के विरुद्ध उपायुक्त उद्योग को प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। अन्य कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
- रमेश रंजन, डीएम
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