Firozabad News : पिता की गला दबाकर हत्या, जिंदा होने के शक से गर्दन पर कई बार घोंपी थी छेनी
फिरोजाबाद में एक व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया है जिसमें मृतक के बेटे ने लालच और आर्थिक तंगी के चलते अपने पिता की हत्या कर दी। आरोपी ने पशुबाड़े में सो रहे अपने पिता का गला दबाकर और धारदार हथियार से वार करके हत्या की। पुलिस ने कपड़ों पर लगे खून के धब्बों के आधार पर बेटे को गिरफ्तार कर लिया है।

जागरण संवाद, फिरोजाबाद । लालच, आर्थिक तंगी और मुकदमेबाजी में हुई कलह में बेटा ही पिता का हत्यारा बन गया। पशुबाड़े में सो रहे पिता का गला दबा दिया। कहीं वह जीवित न रह जाए इस आशंका को खत्म करने के लिए उसे गर्दन पर छेनी से चार प्रहार किए। इस दौरान कपड़ों पर पड़े खून के छींटे ही बेटे पर शक का कारण बने। कई दिन की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने उसे गुरुवार को जेल भेज दिया।
चेहरे और गर्दन पर किया हमला
घटना अरांव क्षेत्र के गांव टोडपुर बोथरी में 14 अगस्त की रात की है। 50 वर्षीय ईश्वर दयाल की घर सौ मीटर दूर स्थित पशुबाड़े में गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। चेहरे और गर्दन के पास धारदार हथियार से भी चोट के निशान थे। पत्नी जमुना देवी ने अज्ञात में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
वारदात को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि पास में सो रहे ईश्वर दयाल के वृद्ध पिता को भी कुछ पता नहीं चला। इसलिए आशंका थी कि वारदात में कोई करीबी शामिल है। बड़े बेटे डोरी लाल की भूमिका पुलिस को संदिग्ध लगी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो डोरी लाल की सफेद शर्ट पर खून के धब्बे लगे थे। इंस्पेक्टर ऋषि कुमार ने इस बारे में पूछा तो वह गोल मोल जवाब देकर चला गया और कुछ देर बाद ही दूसरी शर्ट पहनकर आ गया।
पुलिस ने रखी कड़ी नजर
इसके बाद पुलिस उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए रही। ग्रामीणों से पूछताछ में उसके वारदात की रात पशुबाड़े से निकलते हुए देखे जाने की पुष्टि हुई। पकड़कर पूछताछ की तो उसने पूरी घटना बता दी। अपने कार्यालय में मामले का पर्दाफाश करते हुए एसपी ग्रामीण त्रिगुण बिसेन ने बताया कि ईश्वर दयाल पर 2006 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था, जो निर्णय के स्तर पर पहुंच गया था।
मुकदमे की पैरवी के लिए रुपयों की जरूरत थी। इसके लिए ईश्वर दयाल बेटे से व्यवस्था करने के लिए दबाव बना रहा था। इस बात को लेकर घटना वाले दिन पिता-पुत्र में विवाद हुआ। इस दौरान आरोपित ने सोचा कि पिता की हत्या कर देने पर मुकदमे के खर्च से बचेंगे और उनके जीवन बीमा का पैसा भी उसे मिल जाएगा। इसलिए उसने वारदात को अंजाम दिया।
नहीं सोया डेरी लाल
डोरी लाल ने पुलिस को बताया कि उस दिन वह सोया नहीं। रात 11 बजे करीब उसके बाबा शौच के लिए गए उसी दौरान वह पशुबाड़े में पहुंच गया। हत्या करने के बाद घर लौट आया और चारपाई पर लेट गया, लेकिन कई घंटे उसे नींद नहीं आया। साढ़े तीन बजे झपकी लगी। इसके कुछ देर बाद ही ग्रामीण हत्या की सूचना देने घर आ गए।
हत्या के दूसरे दिन ही बीमा के पैसे लेने पहुंच गया था डोरी लाल
इंस्पेक्टर ऋषि कुमार ने बताया कि हत्या के दूसरे दिन ही डोरी लाल अरांव में रहने वाले एलआइसी एजेंट के पास बीमा के पैसे मांगने पहुंच गया। ईश्वर दयाल की एक लाख रुपये की बीमा पालिसी थी। डोरी लाल को अनुमान था कि उसे चार-साढ़े चार लाख रुपये मिलेंगे। एजेंट से पुलिस ने पूछताछ की तो बात सच निकली। एजेंट ने ही बताया कि घटना से कुछ दिन पहले भी वह इस बारे में पूछताछ करने आया था।
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