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    Firozabad News : सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए लड़की ने लगाया फर्जी सर्टिफिकेट, ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:53 PM (IST)

    फिरोजाबाद में एक छात्रा ने नीट यूजी 2025 में कम रैंक आने पर भी फर्जी स्वतंत्रता सेनानी प्रमाण पत्र के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में दाखिला पा लिया। जांच समिति ने धोखाधड़ी पकड़ी और प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। प्राचार्य ने छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखा।

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    कॉलेज में प्रवेश को स्वतंत्रता सेनानी आश्रित का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया। जागरण

    जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद । यूपी नीट यूजी 2025 में 7,58,778 वीं रैंक आने के बाद भी सरकारी मेडिकल कालेज में बहुत कम खर्चे में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए आगरा छात्रा ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया। स्वयं को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पोती बताते हुए आश्रित का प्रमाण पत्र मिल गया। जिससे उसे स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फिरोजाबाद में सीट आवंटित हो गई, लेकिन प्रपत्र जांच समिति ने उसकी करतूत पकड़ ली।

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    छात्रा के खिलाफ होगी कार्रवाई

    स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए डीएम आगरा को भेजा गया, जो फर्जी पाया गया। रिपोर्ट आने के बाद प्राचार्य ने छात्रा के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एसएसपी को पत्र लिखा है।

    आगरा में जगदीशपुरा क्षेत्र के मुहल्ला आजाद नगर, प्रभु टाकीज के पास रहने वाली साखी बिसवास एमबीबीएस में प्रवेश के लिए यूपी नीट यूजी 2025 में शामिल हुई। कांउसिलिंग के दौरान उसने एससी वर्ग के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी सरोज गौरिहार की आश्रित होने का प्रमाण पत्र लगाया, जिससे उसे सीट आवंटित हो गई।

    ऐसे खुली फर्जीवाड़े की पोल

    संस्थान में गठित प्रपत्र जांच समिति के समक्ष उसने प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया तो समिति में शामिल डॉ. गौरव सिंह को वह संदिग्ध लगा। उन्होंने प्राचार्य डा. योगेश गोयल को जानकारी दी। उन्होंने प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए 19 अगस्त को डीएम, आगरा को पत्र भेजा। गुरुवार को डीएम की ओर से पत्र भेजकर बताया गया कि साखी बिसवास का स्वंतत्रता संग्राम सेनानी का अश्रित प्रमाण पत्र पूर्णतः फर्जी है। उस पर उनके हस्ताक्षर भी फर्जी हैं।

    अब दूसरे को आवंटित होगी सीट

    प्राचार्य ने बताया कि प्रपत्र जांच समिति को प्रमाण पत्र की भाषा और लिखावट से संदेह हुआ। इसके बाद कराई गई जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। एसएसपी को पत्र लिखने के साथ ही महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को भी मामले की जानकारी देते हुए सीट निरस्त करने के लिए पत्र भेजा गया है। जिससे ये सीट किसी अन्य पात्र छात्र-छात्रा को मिल सके। अभी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। एक सितंबर से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी।