पिता चरा रहे थे बकरियां और बेटी मोबाइल पर देख रही थी रील, आंधे घंटे बाद लौटे तो खेत में मिली लाडली की लाश
फिरोजाबाद के रजावली थाने के पास एक गांव में बकरी चराने गई 10 वर्षीय बच्ची की हत्या कर दी गई। गला घोंटकर शव बाजरे के खेत में फेंका गया। पुलिस की कथित ढिलाई से गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। बच्ची के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण टीम, फिरोजाबाद। खेत में बकरियां चरा रही 10 वर्षीय बालिका की बुधवार सुबह किसी ने गला घोंट कर हत्या कर दी। उसका शव बाजरा के खेत में फेंक दिया। रजावली थाने से 500 मीटर दूर गढ़ी पांडेय गांव में हुई इस वारदात से ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने टूंडला-एटा मार्ग पर शव रखकर दो घंटे तक जाम लगाकर हंगामा किया। एसएसपी भी घटनास्थल पर पहुंचे। रात तक हत्या का कारण पता नहीं चल सका।
प्रतिदिन की तरह देवेंद्र सिंह बघेल अपनी अपनी बेटी काजल को लेकर 55 बकरियां चराने सुबह 6.45 बजे गांव से 200 मीटर दूरी एक बाउंड्री में गए थे। काजल गेट के पास बैठकर मोबाइल पर रील देख रही थी। कुछ देर बाद देवेंद्र बघेल पत्नी सुषमा के बुलाने पर सीमेंट की बोरी उतरवाने घर चले गए। आधे घंटे लौटे तो बेटी नहीं मिली। बकरियां चर रही थीं। उसका फोन भी बंद था।
बालिका के गायब होने से सनसनी फैल गई। स्वजन और ग्रामीण उसकी तलाश में जुट गए। कुछ पता न चलने पर साढ़े आठ बजे स्वजन गुमशुदगी लिखवाने थाने पहुंचे। आरोप है कि पुलिस ने गुमशुदगी 10 बजे के बाद लिखने की बात कही। उसे ढूंढने में भी सक्रियता नहीं दिखाई। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने टूंडला-एटा मार्ग पर जाम लगा दिया। इसके बाद यूपी 112 और थाने की पुलिस ने बालिका की तलाश शुरू की।
इस दौरान उसका शव पास में ही बाजरे के खेत में मिली। उसका मोबाइल गायब था। इसके बाद चीख पुकार मच गई। इसके बाद शव को रजावली चौराहे पर रख कर जाम लगा दिया। एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद, एसडीएम टूंडला अनुराधा सिंह और टूंडला सीओ अमरीश कुमार टूंडला सर्किल के सभी थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
एसएसपी सौरभ दीक्षित भी घटनास्थल पर पहुंचे। अधिकारियों के काफी समझाने के बाद साढ़े दस बजे जाम खुला। इस दौरान रूट डायवर्जन कर वाहनों को दूसरे मार्गों से निकाला गया। एसएसपी ने बताया कि घटना का पर्दाफाश करने के लिए एसओजी सहित पुलिस की चार टीमें लगाई हैं। पिता ने अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी लिखवाई है।
रोजाना सुबह पिता के साथ बकरियां चराने आती थी
चाचा माेनू ने बताया कि काजल तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर की थी। वह पड़ोसी गांव हथीगढ़ी में प्राथमिक विद्यालय में कक्षा तीन की छात्रा था। अपने पिता के साथ रोजाना सुबह बकरियां चराने जाती थी। कुछ देर बाद पिता घर लौट आते थे। वह चाय पीकर लौटते थे तब काजल घर आती और तैयार होकर स्कूल जाती थी। बकरी चराते समय वह एंड्रायड मोबाइल लेकर जाती थी।
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