गाजियाबाद में AI से मिलेगा रोजगार, बेरोजगारों को होगा सीधा फायदा
गाजियाबाद जिला प्रशासन बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म बना रहा है। यह प्लेटफॉर्म नौकरी चाहने वालों को सीधे नियोक्ताओं से जोड़ेगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी। युवाओं को जिले में ही रोजगार मिलेगा। दिसंबर तक प्लेटफॉर्म तैयार करने का लक्ष्य है। कर्नाटक में ऐसा प्लेटफॉर्म सफल रहा है।

गाजियाबाद जिला प्रशासन बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म बना रहा है।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। बेरोजगार लोगों को नौकरी की तलाश में दर-दर भटकना न पड़े और वे सीधे नियोक्ताओं से जुड़ सकें, इसके लिए जिला प्रशासन एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से नियोक्ताओं और बेरोजगारों को जोड़ेगा।
इस प्लेटफॉर्म को विकसित करने में एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद ली जाएगी और यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा प्लेटफॉर्म होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति ऑपरेटर है और उसे नौकरी की ज़रूरत है, और नियोक्ता को ऑपरेटर की ज़रूरत है, तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जानकारी अपडेट होने के बाद, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उन्हें सीधे जोड़ देगा, जिससे ठेकेदार या अन्य व्यक्ति की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
वर्तमान में, जिले में रहने वाले विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी खोजने के लिए न केवल गाजियाबाद, बल्कि नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम भी जाना पड़ता है। इसके अलावा, कंपनी के अधिकारियों को अक्सर कर्मचारियों की तलाश के लिए ठेकेदारों या अन्य व्यक्तियों से संपर्क करना पड़ता है, जिससे लोगों के लिए नौकरी ढूंढना अक्सर मुश्किल हो जाता है। ऐसा होने से रोकने के लिए, नियोक्ता आसानी से श्रमिक ढूंढ सकते हैं और विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित युवा जिले के भीतर नौकरी पा सकते हैं।
नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों को अपनी जानकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपडेट करनी होगी। एक बार दोनों पक्ष प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी जानकारी अपडेट कर देंगे, तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों को एक-दूसरे से सीधे जुड़ने में सक्षम बनाएगा। सोमवार को औद्योगिक संगठनों के अधिकारियों के साथ एक बैठक होगी, जहाँ सीडीओ इस नई पहल के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। इस ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को दिसंबर तक तैयार करने के प्रयास चल रहे हैं, जिससे युवाओं को आसानी से रोज़गार मिल सके।
कर्नाटक में पहले भी इसी तरह का एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जा चुका है, जहाँ इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसलिए, गाजियाबाद में भी इसी तरह का एक प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जा रहा है। उम्मीद है कि गाजियाबाद के अधिक से अधिक युवा इस नई पहल से लाभान्वित होंगे।
- अभिनव गोपाल, सीडीओ।

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