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    सुबह काम पर गई फिर लौटी ही नहीं, शादी के 22 साल बाद प्रेमी के साथ भागी पत्नी; कोर्ट से पति की याचिका खारिज

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 10:45 PM (IST)

    गाजियाबाद में, एक आदमी द्वारा दायर याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया, जिसमें उसकी पत्नी शादी के 22 साल बाद अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी बिना तलाक के प्रेमी के साथ रह रही है, लेकिन अदालत ने पाया कि महिला बालिग है और उसने अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है।

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शादी के 22 वर्ष बाद प्रेमी के साथ भागी पत्नी को के खिलाफ दायर याचिका को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने खारिज कर दिया। पति ने प्रेमी पर पत्नी को अवैध रूप से कब्जे में रखने का आरोप लगाया था। पति की ओर से कहा गया कि पत्नी बिना तलाक दिए प्रेमी के साथ रह रही है। उसे पत्नी के साथ रहना है।

    नरेश ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी शांति देवी से 22 वर्ष पूर्व शादी की थी। वह ऑरेंज काउंटी सोसायटी में करती थी। चार जुलाई 2025 की सुबह काम पर गई और लौटी नहीं। जब काफी तलाश के बाद भी वह नहीं मिली। पांच जुलाई 2025 को इंदिरापुरम चौकी में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई।

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    नरेश के अनुसार, उसकी पत्नी घर से 20 हजार नकद और सोने-चांदी के आभूषण लेकर चली गई। बाद में उसे पता चला कि पत्नी अपने प्रेमी नेम सिंह के साथ चली गई है। नरेश ने आरोप लगाया कि नेम सिंह ने उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर अपने साथ रखा है। दोनों अवैध संबंध में रह रहे हैं।

    उसने यह भी बताया कि नेम सिंह के परिवार ने उसे धमकी दी और पुलिस में शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया कि गुमशुदा महिला शांति देवी ने लिखित तहरीर दी थी, जिसमें उसने कहा कि वह अपनी मर्जी से नेम सिंह के साथ रह रही है। उसके पति का व्यवहार उसके प्रति ठीक नहीं था।

    31 अगस्त 2025 को पुलिस ने पति-पत्नी में समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन शांति देवी ने नरेश के साथ वापस जाने से मना कर दिया। स्पष्ट किया कि वह भविष्य में भी नेम सिंह के साथ रहना चाहती है।

    अदालत ने पाया कि शांति देवी बालिग है। उसने अपनी इच्छा से नेम सिंह के साथ रहने का निर्णय लिया है। साक्ष्य के आधार पर अदालत ने कहा कि मामले में कोई अपराध नहीं बनता है। न्यायालय ने नरेश की याचिका को खारिज कर दिया।

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