गाजियाबाद की प्रदूषण में 'हैट्रिक', तीसरे दिन भी देश में सबसे खराब रही हवा
गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर की हवा देश में सबसे खराब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया है। लोनी में स्थिति और भी खराब है, जहाँ अवैध फैक्ट्रियों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। कूड़ा जलाने पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे प्रदूषण और बढ़ रहा है।
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लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी शहर की हवा देश में सबसे प्रदूषित रही।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। देश में सबसे अधिक प्रदूषित रहने के मामले में गाजियाबाद ने हैट्रिक लगा दी है। लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी शहर की हवा देश में सबसे प्रदूषित रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया। देश के 249 शहरों में केवल गाजियाबाद ऐसा है, जहां की हवा बेहद खराब श्रेणी में है।
16 अक्टूबर से जिले की हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने के साथ ही देश में सबसे खराब बनी हुई है। इसके बाद भी जमीन पर कोई खास कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। पानी के छिड़काव के नाम पर खानापूरी की जा रही है। इंदिरापुरम, साहिबाबाद साइट-चार औद्योगिक क्षेत्र, वैशाली, जीटी रोड, लोनी आदि क्षेत्रों में जगह-जगह उड़ती धूल इसकी गवाही दे रही है। यही कारण है कि प्रदूषण का स्तर अधिक बना हुआ है।
इसके अलावा कूड़ा भी जलाया जा रहा है। कूड़ा जलाने वालों पर न तो कार्रवाई हो रही है और न ही अधिकारियों को ये पता कि कूड़ा जला कौन रहा हैै। अभी तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में एक भी जुर्माना नहीं लगाया गया है। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कूड़ा जलने की घटनाओं को रोकने के लिए नगर निगम व नगर पालिकाओं को पत्र लिखा गया है।
जिले में लोनी की स्थिति सबसे खराब
जिले में प्रदूषण के मामले में लोनी की स्थिति सबसे खराब है। यहां का एक्यूआइ शुक्रवार को 350 दर्ज किया गया था। शनिवार को चार अंक बढ़कर 354 पहुंच गया है। लोनी के लोगों का कहना है कि यहां प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बड़ी संख्या में संचालित अवैध फैक्ट्रियां हैं।
बृहस्पतिवार को स्टेशनों का एक्यूआई
लोनी- 354
इंदिरापुरम- 312
संजय नगर- 326
वसुंधरा- 302
बीते दिनों जिले का एक्यूआई
18 अक्टूबर- 324
17 अक्टूबर- 306
16 अक्टूबर- 307
15 अक्टूबर- 254
14 अक्टूबर- 261
13 अक्टूबर- 204
सड़कों पर नगर निगम पानी का छिड़काव करा रहा है। अगर कहीं अधिक धूल उड़ रही है तो वहां भी कराया जाएगा। इसके अलावा प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर नजर रखी जा रही है। -अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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