एनसीआर में सबसे प्रदूषित रहा गाजियाबाद, इस साल पहली बार सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों का AQI 300 के पार
गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। पहली बार सभी स्टेशनों पर एक्यूआई 300 के पार दर्ज हुआ। वसुंधरा सबसे प्रदूषित रही। ग्रेप लागू होने के बाद भी प्रदूषणकारी गतिविधियाँ जारी हैं। नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर आंकड़ों में हेरफेर का आरोप है। गाजियाबाद एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर रहा।

यूपी गेट पर इस तरह रहा स्मॉग का हाल।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। प्रदूषण से हवा की सेहत लगातार खराब हो रही है। शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में है। हवा भी जहरीली हो चुकी है। आलम यह है कि सोमवार को इस साल पहली बार गाजियाबाद के चारों स्टेशन का एयर क्वालिटी इंडक्स (एक्यूआई) तीन सौ के पार पहुंच गया। जिले में एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी 340 में दर्ज किया गया। चारों स्टेशन में सबसे अधिक वसुंधरा की हवा जहरीली रही।
सुबह से ही ट्रांस हिंडन क्षेत्र समेत गाजियाबाद में धुंध छाई रही। दिन में लोगों ने हवा में घुटन महसूस की। हवा में घुल रहे जहर को रोकने के लिए संबंधित विभागों के प्रयास भी नाकाफी दिखे। ग्रेप लागू होने के बाद भी फैक्ट्री प्रदूषण, सड़क पर धूल, खुले में कचरा जलाना और तारकोल जलाने जैसे कारणों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
लोगों ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग पर भी आंकड़ों में खेलबाजी करते हुए स्टेशन के आसपास ही पानी की छिड़काव कराने का आरोप लगाया है, जिससे हवा साफ दर्ज की जा सके। समाजसेवी अमित किशोर ने आरोप लगाया कि नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मिलीभगत से हवा नहीं, आंकड़े साफ किए जा रहे हैं।
प्रदूषण मापने वाली मशीनों के पास पानी का छिड़काव कर प्रदूषण के आंकड़ों को कृत्रिम रूप से घटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए फोटो और वीडियो साक्ष्य के रूप में दिए गए हैं।
इनमें वसुंधरा स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय के बाहर नगर निगम का हवा की गुणवत्ता मापने के लिए लगे मानिटर के पास पानी का छिड़काव कर रहा है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि ग्रैप के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
एनसीआर के शहरों से सबसे अधिक रहा गाजियाबाद का एक्यूआई
एनसीआर के शहरों में सोमवार को गाजियाबाद का एक्यूआई सबसे ज्यादा रहा। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम में सबसे ज्यादा गाजियाबाद की हवा जहरीली रही। ग्रैप के दूसरे चरण में कार्रवाई न होना भी प्रदूषण बढ़ने का कारण बताया जा रहा है।
रविवार को प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने लकड़ियां जलाने वालीं 10 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की थी। बावजूद इसके सड़कों पर धूल उड़ने और कूड़े को जलाए जाने पर लगाम नहीं लग पा रही है।
सोमवार को दर्ज एक्यूआई
- गाजियाबाद - 340
- वसुंधरा - 370
- इंदिरापुरम - 305
- लोनी - 362
- संजयनगर - 321
आईक्यू एयर एप के आंकड़े
- गाजियाबाद - 269
- वसुंधरा - 273
- इंदिरापुरम - 203
- लोनी - 233
- संजयनगर - 226
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