मुख्य सचिव और DM-कमिश्नर को भेजा नोटिस, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न होने पर एक्शन में ये विभाग
गाजियाबाद में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर पर्यावरण मंत्रालय ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। हरित क्षेत्रों का रखरखाव और यातायात प्रबंधन योजना लागू नहीं की गई, जिससे कोर्ट के आदेश की अवमानना हो रही है। डा. बर्मन रोड पर लगे बैरियर टूट गए हैं और हरित क्षेत्र सूख गए हैं। यातायात प्रबंधन प्लान में कई उपाय शामिल थे, जिनका पालन नहीं किया गया।
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने में अधिकारी नाकाम रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने प्रदूषण को कम करने के लिए शुरूआत में कौशांबी में कुछ काम किया था लेकिन ध्यान नहीं देने पर वह काम पटरी से उतर गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने की शिकायत पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव से लेकर गाजियाबाद के डीएम और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। अब प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करने और कार्यवाही की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजनी होगी।
मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक और विज्ञानी डा. अमित लव द्वारा जारी नोटिस में लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव गोयल द्वारा 24 सितंबर 2025 को कोर्ट की अवमानना नोटिस मंत्रालय को भेजा था। यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के संबंध में है जो कोर्ट ने 15 नवंबर 2022 को दिया था।
कोर्ट ने आदेश दिया था कि संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि गाजियाबाद में हरित क्षेत्रों का उचित रखरखाव किया जाए। यातायात प्रबंधन योजना को लागू किया जाए। प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि यातायात प्रबंधन योजना का पालन और निगरानी लगातार होती रहे। इन निर्देशों में से किसी का भी पालन अब तक नहीं किया गया है। जिससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना हो रही है।
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नोटिस को प्रतिलिपि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार, संयुक्त सचिव (वायु प्रदूषण नियंत्रण), पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, मंडल आयुक्त मेरठ मंडल, जिलाधिकारी गाजियाबाद, उपाध्यक्ष गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पुलिस आयुक्त भेजी है।
यातायात प्रबंधन प्लान की स्थिति खराब
कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने यातायात प्रबंधन पर 50 प्रतिशत काम किया था लेकिन समय के साथ उसका ध्यान नहीं रखा गया। ऐसे में यह प्लान पटरी से उतर गया। डा. बर्मन रोड पर जो हाइट बैरियर लगाए गए थे वह टूट गए। ऐसे में इस रोड पर भारी वाहन दौड़ रहे हैं। प्रबंधन प्लान के नियम टूटते चले गए। जिन बसों का संचालन सौर ऊर्जा मार्ग से शुरू हुआ था अब वह पूर्व की तरह डा. बर्मन रोड से ही दौड़ रही हैं। हरित क्षेत्र के रखरखाव पर भी ध्यान नहीं दिया गया। ग्रीन बेल्ट सूख गई हैं।
यह था यातायात प्रबंधन प्लान
- डा. बर्मन रोड पर वेब चौराहे को बंद कर आगे पीछे दो यू-टर्न बनाना।
- पैसिफिक माल के सामने खड़े होने वाले आटो के लिए सौर ऊर्जा मार्ग पर पार्किग बनाना।
- डा. बर्मन रोड पर भारी वाहनों के प्रवेश के लिए हाइट बैरियर लगाना।
- कौशांबी व आनंद विहार से चलने वाले आटो व ई-रिक्शा की संख्या निर्धारित करना।
- गाजियाबाद के सभी रूटों पर आटो ई-रिक्शा की संख्या निर्धारित कर आटो को कलर कोड दिया जाना।
- व्यावसायिक भवन में कार्यकरत लोगों के सर्विस रोड पर पार्क वाहनों पर कार्रवाई करना।
- आनंद विहार बार्डर पर बने पुलिस, एमसीडी टोल व प्रीपेड आटो बूथ को हटाया जाना।
- कौशांबी की सड़कों से अतिक्रमण हटाया जाना, जिससे जाम न लगे।
- कौशांबी डिपो की बसों को डीजल से सीएनजी में परिवर्तित करना।
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