गाजियाबाद में आंखें मूंदे बैठे अधिकारी, नाक के नीचे बढ़ रहा प्रदूषण; लोगों का सांस लेना मुश्किल
गाजियाबाद के वसुंधरा में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नाक के नीचे प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे लोग निराश हैं। इस साल केवल आठ दिन ही साफ हवा मिली। वसुंधरा हॉट स्पॉट में शामिल है, लेकिन प्रदूषण के मुख्य कारण यातायात और धूल को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। निवासियों का कहना है कि अधिकारी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे, जबकि अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने का दावा कर रहे हैं।
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राहुल कुमार, साहिबाबाद (गाजियाबाद)। साहब...उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारी अपनी नाक के नीचे ही बढ़ते प्रदूषण को नहीं रोक पा रहे हैं, फिर हम साफ हवा मिलने की उम्मीद किससे करें। वह खुद साफ हवा में सांस लेने के लिए सालभर वर्षा व तेज हवा चलने का इंतजार करते हैं। जब भी शिकायत लेकर जाते हैं तो कुछ न कुछ नया पाठ पढ़ा देते हैं।
अधिकारियों पर ऐसा ही कुछ तंज वसुंधरा समेत जिले के अन्य क्षेत्रों के लोग कस रहे हैं। दरअसल, वसुंधरा के लोगों को इस वर्ष एक जनवरी से 29 अक्टूबर तक महज आठ दिन साफ हवा मिली है। यानी एक्यूआइ 50 से कम दर्ज किया गया है।
गाजियाबाद व हापुड़ के लोगों को साफ हवा मिल सके, इसके लिए वसुंधरा सेक्टर 16 में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय बनाया गया है। यहीं से बैठकर दोनों जिलों की निगरानी करते हैं, लेकिन हापुड़ व गाजियाबाद के अन्य क्षेत्रों में प्रदूषण रोकथाम तो दूर की बात है वसुंधरा में नहीं कर पा रहे हैं। जबकि बोर्ड के कार्यालय पर ही प्रदूषण मापक यंत्र लगा हुआ है, जो हर समय उनकी नजरों के सामने रहता है।
बुधवार को भी इंदिरापुरम, लोनी व संजय नगर के सापेक्ष वसुंधरा का एक्यूआइ सबसे अधिक 322 दर्ज किया गया। यानी हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। लोगों का कहना है कि इसका मुख्य कारण केवल कार्यालयों में बैठकर ही योजना बनाना है। अगर योजना कागजों से जमीन पर उतरती तो शायद काफी हद तक राहत मिल जाती।
वसुंधरा को हॉट स्पॉट में किया गया शामिल
जिले में प्रदूषण नियंत्रण के लिए बीते वर्ष सात इलाकों को हाट स्पाट में चिह्नित किया गया है। इसमें वसुंधरा को भी शामिल किया गया है। यहां प्रदूषण का मुख्य कारण यातायात, निर्माण गतिविधियों, उड़ती धूल आदि को माना गया था। इन समस्याओं को खत्म करने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
इसके अलावा साहिबाबाद, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, भोपुरा-दिल्ली बार्डर व सिद्धार्थ विहार हाट स्पाट में शामिल है। ये हाट स्पाट इसीलिए चिह्नित किए गए थे कि यहां प्राथमिकता से कार्रवाई हो सके।
इस वर्ष वसुंधरा की हवा कितने दिन किस श्रेणी में रही
श्रेणी दिन
अच्छी 08
संतोषजनक 94
मध्यम 132
खराब 40
बेहद खराब 17
बुधवार को वसुंधरा की हवा के प्रदूषण में किस तत्व की मात्रा कितनी रही
तत्व मात्रा
पीएम-2.5 325
पीएम-10 222
नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड 81
सल्फर डाइ-आक्साइड 26
ओजोन 76
कार्बन मोनोआक्साइड 56
बुधवार को जिले के स्टेशनों का एक्यूआई
वसुंधरा 322
लोनी 282
इंदिरापुरम 221
संजय नगर 237
जहां अधिकारी बैठते हैं वहां की हवा तक साफ नहीं है। ये अधिकारी लोगों को शुद्ध हवा कैसे दिला पाएंगे। प्रदूषण रोकथाम की योजना केवल कागजों तक सिमट गई हैं। - सुबोध शर्मा, निवासी, वसुंधरा सेक्टर-15
क्षेत्र की हवा लगातार खराब हो रही है। आंखों में जलन भी होने लगी है। जब तक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे प्रदूषण कम नहीं हो सकता है। - राजेश यादव, निवासी, शिक्षा निकेतन सोसायटी, वसुंधरा सेक्टर-पांच
प्रदूषण रोकथाम के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। वसुंधरा समेत अन्य हाट स्पाट में प्रदूषण के जो भी कारक हैं, उन्हें खत्म करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा गया है। - अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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