घर-दुकान खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, गाजियाबाद में प्रॉपर्टी के दाम नहीं बढ़ेंगे; क्यों दुखी हैं किसान?
गाजियाबाद के लोगों के लिए खुशखबरी है! जिला प्रशासन ने संपत्ति की सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। डीएम ने फैसला किया है कि 2024 की दरें ही लागू रहेंगी। रजिस्ट्री में गिरावट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिससे रियल एस्टेट बाजार पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े और आम जनता को राहत मिले। सर्किल रेट स्थिर रहने से संपत्ति बाजार में स्थिरता बनी रहेगी।

गाजियाबाद में नहीं बढ़ेंगे संपत्तियों के दाम।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिले में संपत्तियों के दाम आसमान छू रहे हैं। खासतौर पर फ्लैटों और जीडीए से स्वीकृति टाउनशिप में प्लाॅटों के दाम इतने अधिक हो चुके हैं कि मध्यवर्गीय परिवार के लिए प्लाॅट और फ्लैट खरीदना मुश्किल हो रहा है।
ऐसे में सर्किल रेट की दर में इस साल किसी भी तरह की बढ़ोतरी न करने का निर्णय जिलाधिकारी रविंद्र कुमार माँदड़ ने शुक्रवार को लिया है। जिलाधिकारी के निर्णय से गाजियाबाद में प्रॉपर्टी की खरीद करने के लिए इच्छुक लोगों को राहत मिलेगी।
लेकिन किसानों को झटका भी लगेगा, क्योंकि वह कृषि भूमि की दर को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इसकी वजह है कि जिले में बड़े प्रोजेक्टस के लिए तेजी से जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है।
सर्किल रेट की दर में बढ़ोतरी होती तो किसानों को मुआवजा अधिक मिलता। खासतौर पर जीडीए की हरनंदीपुरम योजना से जुड़े किसानों को इससे झटका लगा है, उन्होंने सर्किल रेट बढ़ाने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया था।
जिले में जमीनों के सर्किल रेट लगभग हर साल बढ़ाए जाते हैं। आखिरी बार वर्ष 2024 में सर्किल रेट की दर में बढ़ोतरी की गई थी। इस साल सर्किल रेट बढ़ाने के लिए निबंधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया।
इस प्रस्ताव पर आपत्ति और सुझाव लिए गए थे। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद सर्किल रेट को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर अंतिम निर्णय लेने के लिए जिलाधिकारी के पास भेजा गया। जिलाधिकारी ने सर्किल रेट बढ़ाने से पहले व्यापक चर्चा की। इस दौरान निबंधन विभाग ने बताया कि गाजियाबाद में पहले जिस रफ्तार से बैनामे हो रहे थे, अब उसमें कमी आई है।
खासतौर पर तहसील सदर क्षेत्र में बैनामों की संख्या घटी है। ऐसे में यदि सर्किल रेट की दर में और बढ़ोत्तरी की गई तो जमीन के दाम और बढ़ जाएंगे, ऐसे में आशंका है कि बैनामों की संख्या में तेजी से कमी आएगी। इसका असर राजस्व पर पड़ेगा, मध्यवर्गीय परिवार के लोगों के लिए जिले में प्राॅपर्टी खरीदना और अधिक मुश्किल होगा।
ऐसे में जिलाधिकारी ने इस साल डीएम सर्किल रेट न बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जिले में अब शिक्षण कार्य के लिए प्लाट की मूल्य का निर्धारण बैनामें के वक्त आवासीय दर के हिसाब से किया जाएगा।
कमर्शियल प्लाॅट में जितने हिस्से पर निर्माण कार्य नहीं हुआ है, उस हिस्से को भी बैनामे के वक्त कमर्शियल ही माना जाएगा। प्राॅपर्टी के मूल्यांकन के लिए कमर्शियल कंस्ट्रक्शन की दर 16 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है।
जिले में सर्किल रेट बढ़ाने के लिए सर्वे कर प्रस्तावित दर तय कर जिलाधिकारी को प्रस्ताव दिया गया था, जिलाधिकारी ने इस साल सर्किल रेट न बढ़ाने का निर्णय लिया है, सर्केिल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसकी वजह जिले में बैनामों की संख्या में पहले की अपेक्षा कमी आना है।
- पुष्पेंद्र कुमार, एआईजी स्टांप, निबंधन विभाग।

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