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    इंदिरापुरम में फुटपाथ से लेकर सड़क तक अतिक्रमण, आंखें क्यों मूंदे हैं जिम्मेदार?

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 08:41 AM (IST)

    इंदिरापुरम में फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या बढ़ रही है, जिससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

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    इंदिरापुरम न्याय खंड 2 में सड़क किनारे हो रहा अतिक्रमण। जागरण

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। जब सिस्टम सुनवाई नहीं करता तो मजबूरन जनता को सड़कों पर उतरना पड़ता है। बीते एक वर्ष में ऐसा कई बार हुआ है जब लोग सड़कों पर उतरे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। सड़कों से लेकर फुटपाथ व ग्रीन बेल्ट पर पूरी तरह कब्जा कर रखा है। यहां सड़क, फुटपाथ व ग्रीन बेल्ट की इंच-इंच जमीन बेचकर अतिक्रमण कराया जा रहा है। इससे रोजाना जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। ये कहना है इंदिरापुरम की जनता का।

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    इंदिरापुरम के लोगों ने बताया कि पूरे क्षेत्र के में अतिक्रमण से जूझ रहा है। विभिन्न प्रकार की दुकान खोलकर ग्रीन बेल्ट व सड़कों पर अतिक्रमण कर रखा है। पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे अवैध मोटर वर्कशाप व कबाड़ की दुकान संचालित हो रही हैं। इसको लेकर जीडीए में कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।

    लोगों का कहना है कि अवैध गतिविधियां संचालित होने से असामाजिक तत्व सक्रिय हैं। महिलाओं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। 24 घंटे सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है। यहां के लोग नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम समेत विभिन्न शहरों के लिए नौकरी पर जाते हैं। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती जाम की होती है। लोगों को घंटों पहले घर से निकलता पड़ता है। इसके बाद भी ये पता नहीं होता कि समय पर पहुंचेंगे या नहीं। ये स्थिति कोई एक दिन की नहीं है, बल्कि रोजाना की समस्या बन चुकी है।

    आए दिन लगते हैं उगाही के आरोप

    लोगों का कहना है कि लोग खुद से अतिक्रमण नहीं करते हैं। उन्हें अतिक्रमण कराया जाता है। इसके बदले उनसे उगाही की जाती है। इक्का-दुक्का बार जब भी अतिक्रमण हटाया गया है। उस दौरान खुद अतिक्रमण करने वालों ने उगाही का आरोप लगाया है। बीते दिनों स्वर्ण जयंती पार्क के पास अतिक्रमण हटाने पर इस तरह का मामला ही सामने आया था।


    सड़कों व ग्रीन बेल्ट पर कब्जा कर रखा है। अधिकारियों ने राहत दिलाने के बजाय आंखें मूंद रखी हैं। कोई भी सुनवाई के लिए तैयार नहीं है।


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    -रितिका गौड़, निवासी, इंदिरापुरम

    सिस्टम की लापरवाही के कारण ही सड़कों पर उतरना पड़ता है। बीते एक वर्ष में कई बार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा है। इसके बाद भी अतिक्रमण की समस्या से राहत नहीं मिल रही है।


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    -अंशुमन बास, निवासी, इंदिरापुरम

    एनसीआर में जीवनभर की कमाई से महंगे फ्लैट खरीदने के बाद अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं। शिकायत के बाद कोई समाधान नहीं होता।


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    -जुगल बग्गा, निवासी, सुपरटेक आइकन

    अतिक्रमण यहां की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। लोगों का अपने कार्य स्थल तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। स्थिति ये है कि रोजाना घंटों पहले घर से निकलना पड़ता है।


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    -परविंद्र, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष, नीति खंड-तीन

    आए दिन अभियान चलाकर सड़कों से अतिक्रमण को हटाया जाता है। लोग फिर से अतिक्रमण कर लेते हैं। अब फिर से अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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    -सुनील राय, जोनल प्रभारी वसुंधरा, नगर निगम

    इंदिरापुरम की कोई भी सड़क ऐसी नहीं है, जहां अतिक्रमण न हो। इसके बाद भी न तो पुलिस को दिखाई देता है और न ही जिला प्रशासन को।


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    -संजीव चौहान, निवासी, इंदिरापुरम