मोदीनगर में सड़कों पर घूम रहा हमलावर बंदरों का झुंड, बच्चे घरों में कैद
मोदीनगर में बंदरों का आतंक छाया हुआ है। बंदरों के झुंड सड़कों पर घूम रहे हैं, दुकानों और ठेलों से सामान लूट रहे हैं, और लोगों पर हमला कर रहे हैं। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं, और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी बंदरों का आतंक है। खेतों में ईख की फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

विकास वर्मा, मोदीनगर। मोदीनगर में शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक बंदरों का आतंक चल रहा है। क्षेत्र की बड़ी समस्याओं में से एक अब बंदरों की समस्या हो गई है। हालत है कि पूरे दिन बंदरों का झुंड जगह-जगह लगा रहता है। आते जाते लोगाें पर बंदर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर देते हैं। छोटे बच्चों का घर से निकाला तक बंद किया हुआ है। तीन दिन पहले एक महिला की मौत तक हो गई। इतना सब होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन शांत है।
मोदीनगर तहसील क्षेत्र में दो नगरपालिका मोदीनगर व मुरादनगर है। साथ ही तीन नगर पंचायत फरीदनगर, निवाड़ी व पतला हैं। कुल 130 गांव मोदीनगर तहसील क्षेत्र में आते हैं। इन सभी जगहों पर बंदरों को बुरी तरह आतंक है। जो लोगों के जीवन को भी अब प्रभावित करने लगा है। आधिकारिक स्तर पर समस्या के समाधान को लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है।
लोग बंदरों के खतरे के साये में जीने को मजबूर हैं। ऐसा कोई ही दिन जाता होगा जब क्षेत्र के बीस लोग बंदर के हमले के शिकार नहीं होते। बंदर खूंखार हो चुके हैं। दुकानों से सामान तक निकाल लेते हैं।
बाजारों में ठेली पर रखे फल व सब्जियां उठा कर भाग जाते हैं। आते-जाते लोगों को घायल कर देते हैं। घर की छतों पर बंदर पूरे दिन बैठे रहते हैं। लोगों ने परेशान आकर घरों पर लोहे के जाल लगाने शुरू करे दिये हैं। छोटे बच्चों को भी पड़ोस की दुकान से सामान लाने से मना किया हुआ है।
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर बुरा हाल
बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर भी बंदरों का आतंक हैं। बंदर यात्रियों से सामान छीनकर भाग जाते हैं। कई बार यात्रियों को घायल कर चुके हैं। बंदरों का झुंड रेलवे स्टेशन परिसर में लगा रहता है। आते-जाते समय यात्रियाें की खाद्य सामग्री के अलावा मोबाइल तक छीन लेते हैं।
खेतों में ईख को पहुंचा रहे नुकसान
बंदरों केवल शहर में ही नहीं बल्कि खेतों में भी किसानों को परेशान कर रहे हैं। इन दिनों खेतों में ईख की फसल खड़ी है। केवल फसल की कटाई होनी है। लेकिन बंदर खेतों में ईख काे नुकसान पहुंचा रहे हैं। पतला की तरफ खेतों में बंदरों का ज्यादा आतंक है। कई किसानों की ईख की फसल को बंदर खराब कर चुके हैं। किसान उन्हें भगाने की कोशिश करते है बंदर हमला कर घायल कर देते हैं।
दुकान पर बैठा था, इसी बीच बंदर आया और दुकान से चिप्स के पैकेट की पूरी लड़ी लेकर भाग गया। कुछ ही देर में बंदरों का झुंड दुकान के बाहर लग गया। किसी तरह लाठी फटकाकर उन्हें भगाया।
-अंकित चतुर्वेदी
कॉलोनी में बंदरों का बुरी तरह बंदर आतंक है। बंदरों का झुंड छत पर इकट्ठा रहता है। घर के बाहर यदि कोई सामान रखा है तो बंदर उसे खराब कर देते हैं। आए दिन कालोनी में किसी ना किसी को घायल कर देते हैं।
-आशीष त्यागी
गांव में अब तक 70 से अधिक लोग बंदर के हमले से घायल हो चुके हैं। इनमें कई के हाथ पर तो प्लास्टर तक कराना पड़ा। घर के अंदर भी लोग बंदरों से सुरक्षित नहीं हैं।
-राहुल गुर्जर
बंदरों की समस्या को लेकर प्रशासन गंभीर है। मोदीनगर नगरपालिका ने अभियान शुरू भी किया है। पूरी कोशिश है कि लोगों को बंदरों की समस्या से निजात दिलाई जाए।
-अजीत कुमार सिंह, एसडीएम मोदीनगर

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