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    Chandra Grahan 2025: कब शुरू होगा चंद्रग्रहण का सूतक काल? मंदिरों के कपाट रहेंगे बंद, क्या करें क्या न करें

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 08:13 PM (IST)

    गाजियाबाद के श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के कपाट रविवार को चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2025) के कारण दोपहर बाद बंद रहेंगे। 7 सितंबर को भारत में दिखने वाले चंद्रग्रहण के चलते मंदिर में सूतक लगने के बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे और सोमवार सुबह खुलेंगे। ग्रहण के दौरान वातावरण को शुद्ध रखने के लिए कुशा का प्रयोग किया जाएगा। मंदिर में अखंड जाप होगा। शहर के अन्य मंदिर भी बंद रहेंगे।

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    चंद्रग्रहण के समय गाजियाबाद स्थित श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के कपाट रहेंगे बंद।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के कपाट रविवार को दोपहर बाद चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2025) की वजह से बंद रहेंगे। मंदिर में बताया गया कि सात सितंबर को चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। जिसकी वजह से मंदिर के कपाट ग्रहण के समय बंद रहंगे।

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    मंदिर के पीठाधीश्वर नारायण गिरि महाराज ने बताया कि सात सितंबर का चंद्रग्रहण रात्रि नौ बजकर 58 मिनट से शुरू होगा। जो रात्रि एक बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले तथा सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है।

    रविवार को चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूतक के कारण दोपहर 12 बजे आरती और भोग के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। जो सोमवार आठ सितंबर को सुबह बजे आरती के बाद खुलेंगे।

    रविवार शाम को कपाट बंद ही रहेंगे। मंदिर के सभी साधु संत, आचार्य एवं श्री दूधेश्वर वेद विद्या संस्थान के विद्यार्थी रविवार को दोपहर 12 बजे से रात्रि 12 बजे तक अखंड जाप करेंगे। यह जाप लगातार 12 घंटे चलेगा।

    श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। केवल अपने इष्टदेव का जाप करना चाहिए। इससे इष्टदेव प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैं। नारायण गिरि महाराज ने कहा कि उन्होंने कहा कि ग्रहण के समय वातावरण दूषित रहता है और कुशा के प्रयोग से यह दोष दूर होता है। इसी कारण चंद्रग्रहण के दौरान कुशा का प्रयोग किया जाता है।

    चंद्रग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर की शुद्धि की जाएगी, देवी-देवताओं के वस्त्र बदले जाएंगे, आरती कर उन्हें भोग लगाया जाएगा। सोमवार को सुबह चार बजे भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके अलावा शहर भर के अन्य मंदिरों के कपाट भी सूतक काल से पहले बंद कर दिए जाएंगे।

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