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    गाजियाबाद के लोनी में यमुना का जलस्तर घटा, बाढ़ का संकट बरकरार

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 12:16 PM (IST)

    लोनी में यमुना नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां बनी हुई हैं। लगातार बारिश के कारण लोगों के घरों में पानी भरा है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है लोगों को आश्रय और भोजन प्रदान किया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम ने कई लोगों को सुरक्षित निकाला है। जलस्तर घटने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

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    लोनी में यमुना नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां बनी हुई हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, लोनी। यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार को कम हुआ है, इसके बावजूद लोगों की परेशानियां बरकरार हैं। चार दिनों से हो रही बारिश के कारण बाढ़ पीड़ितों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उनके घरों में पानी भर गया है। शुक्रवार को यमुना नदी का जलस्तर 211.40 मीटर दर्ज किया गया।

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    हथनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण लोनी में यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार को 211.80 मीटर तक पहुंच गया। जिससे लोनी क्षेत्र की करीब 175 हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो गई। बाढ़ ने यमुना नदी के किनारे नर्सरी में रखे पौधों और फसलों को नष्ट कर दिया।

    शुक्रवार को यह जलस्तर घटकर 211.40 पर आ गया। जलस्तर कम होने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। तटबंध और राहत शिविर पर अधिकारियों द्वारा नजर रखी जा रही है। एसडीएम दीपक कुमार ने बताया कि प्रशासन लगातार प्रभावित लोगों से राहत के लिए आश्रय में जाने की अपील कर रहा है।

    इसके बावजूद लोग तटबंध पर झोपड़ियों में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए सुबह के नाश्ते और दिन में दो बार भोजन की व्यवस्था की है।

    प्रभावित लोगों को चिकित्सा सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। एनडीआरएफ की टीम ने पिछले दो दिनों में बदरपुर जलमग्न क्षेत्र से 60 लोगों को पानी से सुरक्षित निकाला है।

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