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    SBI क्लेरिकल कैडर में भर्ती परीक्षा में जालसाजी, CBI कोर्ट ने 5 आरोपियों को सुनाई 3 साल की कठोर कैद, जुर्माना

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:55 PM (IST)

    गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने एसबीआई क्लर्क परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले पांच आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई। इन पर 2.1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। तरुण उप्पल ने दूसरों के स्थान पर परीक्षा दी थी जिसके लिए संजीव कुमार ने पैसे लिए थे। सीबीआई ने 2015 में मामला दर्ज किया था और 2016 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

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    सीबीआइ कोर्ट ने पांच लोगों को सुनाई तीन वर्ष की कठोर कारावास

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में क्लेरिकल कैडर में सहायक के पद के लिए ऑनलाइन परीक्षा में धोखाधड़ी और जालसाजी करने के मामले में गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने पांच निजी लोगों को तीन वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषियाें पर 2.1 लाख रुपये जुर्माने भी लगाया।

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    सीबीआई ने तरुण उप्पल, संजीव कुमार, विपिन कुमार, सुरेश चंद्र सैनी एवं गुरमीत सिंह देवल के खिलाफ 25 अप्रैल 2015 को जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया था। सीबीआई ने मामले की जांच की तो पता चला कि भारतीय स्टेट बैंक, केंद्रीय भर्ती एवं पदोन्नति विभाग, कार्पोरेट सेंटर, मुंबई ने जुलाई-अगस्त 2014 में विभिन्न तिथियों पर क्लेरिकल कैडर में सहायकों की भर्ती के लिए आनलाइन लिखित परीक्षा आयोजित की थी।

    गुरमीत सिंह देवल, विपिन कुमार और सुरेश चंद्र सैनी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में क्लेरिकल कैडर में सहायक के पद हेतु आनलाइन आवेदन पत्र जमा किए थे। गुरमीत सिंह देवल ने 26 जुलाई 2014 को, विपिन कुमार ने 27 जुलाई 2014 को और सुरेश चंद्र सैनी ने 23 अगस्त 2014 को आनलाइन परीक्षा दी थी। यह एमआइईटी, कैंपस वन एनएच-58, बागपत क्रासिंग बाईपास रोड, मेरठ पर आयोजित हुई थी।

    जांच में सामने आया कि तरुण उप्पल ने गुरमीत सिंह देवल, विपिन कुमार और सुरेश चंद्र सैनी के रूप में खुद को प्रस्तुत किया था। आरोपितों के साथ मिलीभगत कर तरुण उप्पल ने गुरमीत सिंह देवल, विपिन कुमार और सुरेश चंद्र सैनी की ओर से प्रवेश पत्र और उपस्थिति पत्र पर हस्ताक्षर किए और अंगूठा लगाया था।

    तरुण उप्पल की मिलीभगत से संजीव कुमार ने 6.50 लाख रुपये लिए थे। ये पैसे आपस में बांट लिए थे। गुरमीत सिंह देवल ने 2.50, विपिन कुमार ने 2.50 लाख रुपये, सुरेश चंद्र सैनी ने 1.50 लाख रुपये बांट लिए थे। सीबीआई ने 30 मार्च 2016 को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। पांचों आरोपितों को कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सजा सुनाई।

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