मेरठ में CGHS के अतिरिक्त निदेशक समेत तीन रिश्वत लेते गिरफ्तार, सीबीआई ने कोर्ट से लिया एक दिन का रिमांड
गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार सीजीएचएस के तीन अधिकारियों को एक दिन की रिमांड पर भेजा है। मेरठ के एक अस्पताल से 50 लाख की घूस मांगने के आरोप में सीबीआई ने इन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार अस्पताल को पैनल से बाहर करने की धमकी देकर रिश्वत मांगी गई थी। अदालत ने कुछ शर्तों के साथ रिमांड मंजूर की है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पांच लाख की रिश्वत लेने के मामले में मेरठ से गिरफ्तार केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के अतिरिक्त निदेशक अजय कुमार, कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और लेखाकार रईस अहमद को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट संख्या तीन में पेश किया गया।
सीबीआइ ने कोर्ट से तीनों अरोपितों की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी। स्पेशल जज अंजनी कुमार ने तीनों का एक दिन का रिमांड मंजूर कर लिया। अब तीनों आरोपितों से सीबीआई पूछताछ करेगी।
जेएमसी मेडिसिटी अस्पताल मेरठ के निदेशक विशाल कुमार के मुताबिक सीजीएचएस की टीम ने आठ जुलाई 2025 को हाईफील्ड्स स्पेशल अस्पताल मेरठ और जेएमसी मेडिसिटी अस्पताल मेरठ का औचक निरीक्षण किया था।
50 लाख रुपये की घूस लेने के उद्देश्य से कमियों को उजागर करते हुए आधिकारिक नोटिस जारी किए थे। अस्पतालों को पैनल से बाहर न करने, एफआईआर दर्ज न कराने आदि के लिए घूस देने का दबाव बनाया।
दोनों अस्पतालों का निरीक्षण एक ही दिन में किया गया था, लेकिन फिर भी जेएमसी मेडिसिटी को तीन सप्ताह के अंतराल पर नोटिस भेजा गया। जिससे घूस की रकम का दबाव बनाया जा सके। विशाल घूस देना नहीं चाहते थे। लिहाजा इसकी शिकायत सीबीआई से की।
सीबीआई ने 12 अगस्त को शिकायत का सत्यापन किया। जिसमें यह सामने आया कि अजय कुमार और लवेश सोलंकी ने अस्पताल को पैनल से हटाने से बचाने के लिए विशाल कुमार से 50 लाख रुपये की घूस की मांग की थी।
आरोपों की पुष्टि होने के बाद आरोपितों को पकड़ने के लिए सीबीआई ने जाल बिछाया। लवेश सोलंकी ने 50 लाख की रिश्वत की किस्त के रूप में पांच लाख रुपये लेखाकार रईस अहमद को सौंपने का निर्देश दिया। विशाल ने पांच लाख रुपये रईस अहमद को सौंप दिए।
तभी सीबीआई की टीम ने रिश्वत की राशि के साथ रईस अहमद को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सीबीआई ने अजय कुमार और लवेश सोलंकी को गिरफ्तार किया। अजय कुमार के दो लाॅकर खातों को फ्रीज कराने के लिए बैंक ऑफ बड़ोदा को नोटिस दिया गया है।
साक्ष्यों को नष्ट करने का दिया तर्क
तीनों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर सीबीआई ने कहा कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित और साक्ष्य को नष्ट करेंगे। आरोपितों की एक दिन का रिमांड आवश्यक है। इस मामले में तीनों आरोपितों के बचाव पक्ष के वकील ने रिमांड पर न दिए जाने की प्रार्थना की गई।
अजय कुमार के स्वास्थ्य और इलाज का हवाला देते हुए अधिवक्ता की उपस्थिति में पूछताछ करने की प्रार्थना की गई। कोर्ट ने कुछ शर्त के साथ बृहस्पतिवार शाम चार बजे तक की पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकार कर लिया।
इन शर्तों को साथ मिली रिमांड
- रिमांड की अवधि खत्म होने पर आरोपितों को कोर्ट में पेश करने से पहले से मेडिकल परीक्षण कराया जाना।
- रिमांड के दौरान सीबीआई द्वारा आरोपितों को प्रताड़ित नहीं करना।
- रिमांड के दौरान आरोपितों के वकील और परिवार के सदस्य को मिलने देना।
- बीमार होने पर आरोपित के परिवार को अवगत कराने के साथ ही इलाज उपलब्ध कराना।
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