औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़ने का दावा, अवैध कब्जे और ऐतिहासिक शिवलिंग विवाद पर कोर्ट में सुनवाई आज
गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में 1500 वर्ग गज जमीन के नीचे शिवलिंग होने और मंदिर तोड़े जाने की याचिका कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। अधिवक्ता सचिन ने बताया कि औरंगजेब ने 800 वर्ष पहले मंदिर तोड़ा था। आरोप है कि मोहम्मद युसुफ नामक व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर निर्माण शुरू कर दिया है। कोर्ट से शिवलिंग निकलवाने की मांग की गई है। शुक्रवार को सुनवाई होगी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शालीमार गार्डन में 1500 वर्ग गज भूमि के 31 फीट अंदर शिव लिंग होने और औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़ने की याचिका को कोर्ट सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका कर्ता की ओर से बताया गया है कि भूमि पर कब्जा कर उस पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है।
अधिवक्ता सचिन ने बुधवार को सिविल कोर्ट 24 में याचिका दायर की। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर शुक्रवार को सुनवाई की तारीख रख दी है। सचिन के मुताबिक शालीमार गार्डन के बजरंगबली चौक के पास 1500 वर्ग गज भूमि है। इस भूमि पर पूर्व में सतसंग आदि होते थे। यहां नागा साधु और संतों का आना जाना रहता था। वह 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने आते थे। यहां शिव मंदिर था। औरंगजेब ने 800 वर्ष पूर्व मंदिर तोड़ दिया था। जिस भूमि पर कब्जा किया है उसमें 31 फीट नीचे शिवलिंग है। आज भी यहां पीपल के पेड़ लगे हैं।
इस भूमि पर मोहम्मद युसुफ नामक शख्स ने अन्य भू माफिया के साथ मिलकर कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया है। भूमि की मिट्टी बेच दी है। निर्माण कर लेंटर डालने की तैयारी कर रहा है। युसुफ कई अन्य जगह भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। इसने 1500 करोड़ रुपये के राजस्व को नुकसान पहुंचाया है। 30 वर्षों से वह इस तरह के कार्य कर रहा है।
इसमें सरकारी विभाग के कर्मचारी भी संलिप्त हैं। उन्होंने अवैध निर्माण पर आपत्ति दर्ज कराई तो आरोपितों ने उन्हें धमकी दी। उनके साथ गाली-गलौज और अभद्रता की गई। हमला कर उनके पैर को जख्मी कर दिया। उसने अपनी शिकायत में 150 लोगों के हस्ताक्षर किए हैं।
युसुफ बिल्डर और भूमाफिया है। आरोपित खुद की नेता, पुलिस और बदमाशों से जानपहचान बताता है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। विद्युत निगम ने इस भूमि पर कनेक्शन दे दिया है।
विवादित संपत्ति का मौका मुआयना करके नक्शा व रिपोर्ट तैयार करके कोर्ट में दाखिल कराई जाए। सचिन ने बताया कि वह शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मंदिर के साक्ष्य पेश करेंगे। कोर्ट से भूमि की खुदाई कर शिवलिंग को निकलवाने की मांग करेंगे।
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