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    Ghaziabad News: जीडीए ऑफिस के गेट का कुंडा तोड़कर किसान हुए दाखिल, चार घंटे दिया धरना

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 08:27 AM (IST)

    गाजियाबाद में हाईटेक टाउनशिप से प्रभावित किसानों ने जीडीए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। गेट बंद होने पर बलपूर्वक प्रवेश किया और वीसी की गाड़ी के सामने धरना दिया। उनकी मांगें 2013-14 के समझौतों को लागू करने और भूमिहीनों को भूखंड देने से संबंधित हैं। जीडीए सचिव ने 11 सितंबर को बिल्डर के साथ बैठक का आश्वासन दिया जिसके बाद धरना समाप्त हुआ।

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    जीडीए कार्यालय के गेट के बाहर हंगामा करते किसान। जागरण

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले हाईटेक टाउनशिप से प्रभावित कई गांव के किसान हापुड़ चुंगी से पैदल और ट्रैक्टर व कारों में सवार होकर नारेबाजी करते हुए जीडीए कार्यालय पहुंचे।

    जीडीए कर्मियों द्वारा गेट बंद किए जाने पर किसानों ने बलपूर्वक गेट को खोलने का प्रयास किया, जिसके बाद गेट के अंदर का कुंडा तोड़कर किसान परिसर में दाखिल हुए। यहां जीडीए वीसी की कार के सामने करीब चार घंटे धरना दिया। जीडीए सचिव के 11 सितंबर को बिल्डर के साथ बैठक के लिखित आश्वासन के बाद किसान धरने से उठकर वापस लौटे।

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    समिति ने सोमवार को जीडीए कार्यालय के घेराव की घोषणा की थी, जिसके चलते प्राधिकरण की ओर से सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। गेट के अंदर व बाहर पुलिसबल की तैनाती की गई थी। किसान सुबह हाईटेक टाउनशिप हनुमान मंदिर पर जमा हुए और ट्रैक्टर ट्रॉली और कार में सवार होकर हापुड़ चुंगी पहुंचे, जहां अधिकांश किसानों ने ट्राली और ट्रैक्टर व कार से उतरकर जीडीए कार्यालय की ओर पैदल मार्च शुरू किया।

    नारेबाजी करते हुए पैदल चल रहे किसानों के पीछे ट्रैक्टर-ट्राली और कारों का काफिला भी चला। किसान जीडीए और बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। किसान दोपहर करीब डेढ़ बजे जीडीए कार्यालय पहुंचे, जहां विरोध प्रदर्शन करते हुए प्राधिकरण के मुख्य गेट को बलपूर्वक खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने अंदर से गेट का कुंडा बंद कर दिया।

    इस बीच कुछ किसान गेट पर चढ़कर अंदर प्रवेश करने लगे। इस बीच धक्का-मुक्की के बीच गेट का कुंडा तोड़कर कार्यालय परिसर में प्रवेश करते हुए जमकर नारेबाजी की। एक गार्ड भी इस धक्का-मुक्की के बीच घाायल हुआ।

    इस दौरान किसान जीडीए वीसी की गाड़ी के सामने धरना देकर बैठ गए। इस दौरान मंगलवार को मेरठ आयोजित होने वाली बोर्ड बैठक को लेकर प्रस्तावों पर चल रहा कामकाज भी प्रभावित हुआ। प्राधिकरण अपने काम के लिए आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

    धरना प्रदर्शन के बीच करीब 4.30 बजे जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह की ओर से किसानों के प्रतिनिधिमंडल को अपने कार्यालय बुलाया गया। जीडीए सचिव ने किसानों की बात सुनने के बाद समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन किसान लिखित में समस्या के समाधान की बात पर अड़ गए।

    जीडीए सचिव ने 11 सितंबर को बिल्डर के साथ किसानों की बैठक कराने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद किसान धरने से उठे। किसान नेता अनुज चौधरी, नजर चौधरी, मोहित त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि लिखित आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया है। मुख्य रूप से किसानों में टिकम नागर, सुनील फौजी, सुनील चौधरी बाबू, गुड्डू मुखिया, रविंद्र, गजेंद्र, प्रमोद, सोनू प्रधान, राजेंद्र आदि शामिल रहे।

    प्रभावित किसानों की मांग

    वर्ष 2013 और 2014 के लिखित समझौता बिल्डर द्वारा लागू न करने के साथ ही आठ प्रतिशत किसानों को विकसित भूखंड नहीं दिए गए। किसानों के समझौते के तहत भूखंडों के बैनामे होने के बाद कब्जा नहीं मिला।

    भूमिहीन, गरीब और एससी-एसटी समाज में किसी को एलआइजी फ्लैट और 70 मीटर का प्लाट नहीं दिया गया। गांव के संपूर्ण विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। डीपीआर में बड़े गोलचाकर, ग्रीन बेल्ट, पार्क दिखाकर बिल्डर ने लोगों को मूर्ख बनाया है। बाद में इन्हें खत्म कर जमीन अधिक दाम पर बेच दी गई।

    हाईटेक सिटी परियोजना से प्रभावित किसानों ने जीडीए परिसर में अपने समझौता पत्र 20 मई.2014 को लागू कराने के लिए धरना प्रदर्शन किया। किसान प्रतिनिधियों से वार्ता हुई है, जिसमें निर्धारित की गई तिथि में समझौता लागू करने पर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए 11 सितंबर दोपहर 12 बजे प्राधिकरण सभाकक्ष में समस्त सूचनाओं के साथ बैठक में प्रतिभाग करने के लिए बुलाया गया है।

    - राजेश कुमार सिंह, सचिव जीडीए

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