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    24 करोड़ का घोटाला... मास्टरमाइंड चढ़ा हत्थे, कई राज्यों में फैले नेटवर्क पर चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 01:55 PM (IST)

    गाजियाबाद में सीजीएसटी ने फर्जी ITC और GST रिफंड घोटाले के मास्टरमाइंड दीपक कुमार को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में 23.91 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का पता चला है जिसमें बोगस फर्मों के माध्यम से फर्जी बिल बनाए गए थे। यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला है और आगे की जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।

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    24 करोड़ की फर्जी आइटीसी व जीएसटी रिफंड का मास्टमाइंड गिरफ्तार किया।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) ने फर्जी आइटीसी और जीएसटी रिफंड घोटाले के मामले में मास्टर माइंड इंदिरापुरम निवासी दीपक कुमार गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

    वहीं, शुरुआती जांच के दौरान बोगस और बंद फर्म के माध्यम से फर्जी बिल बनाकर राजस्व का चूना लगा रहा है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा यह नेटवर्क पंजाब, दिल्ली व अन्य प्रदेशों में भी फैला है। इसकी अन्य फर्जी कंपनी और अन्य साथियों की तलाश जारी है।

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    गाजियाबाद की एंटी इवेजन शाखा ने मॉल और सेवा कर के तहत फर्जी आइटीसी पास ऑन और रिफंड दावे से जुड़े 23.91 करोड़ का घोटाले का पर्दाफाश किया है।

    आयुक्त सीजीएसटी गाजियाबाद कमिश्नरेट संजय लवानिया ने बताया कि इस मामले में मार्वल इंपेक्स द्वारा निर्यात पर 31.45 लाख के रिफंड दावे की जांच की गई, जिसमें कर का भुगतान नहीं किया गया। जांच करने पर पता चला कि फर्म ने बिना किसी वास्तविक माल की खरीद-फरोख्त के बोगस व बंद फर्म से अस्तित्वविहीन आपूर्तिकर्ताओं से फर्जी इनवाइस के आधार पर आइटीसी लिया।

    वहीं, पूछताछ के दौरान फर्म की घोषित मालिक कविता ने फर्म से किसी भी संबंध से इनकार किया। जांच में यह भी सामने आया कि जेल भेजे गए दीपक कुमार जीएसटी सलाहकार द्वारा ही फर्म की सभी जीएसटी संबंधित गतिविधियां की जा रही थी। जांच कर रही टीम को फर्म के पंजीकृत परिसर में भारी मात्रा में आपराधिक दस्तावेज, फर्जी किरायानामा, विभिन्न फर्मों की सील, पहचान दस्तावेज, और इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त की गईं।

    यह भी पढ़ें- Ghaziabad में लूट का पर्दाफाश... 4 बदमाश गिरफ्तार, Swiggy और Zomato के डिलीवरी ब्वॉय बनकर आए थे आरोपी

    प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस पूरे नेटवर्क में फर्जी आइटीसी का कुल मूल्य 23.91 करोड़ रुपये है, जिसमें अमान्य रिफंड और पास-आन आइटीसी शामिल है। इस मामले में अभी जांच होना बाकी है। यह राशि कई गुना बढ़ सकती है।

    उन्होंने बताया कि जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी हैं। इससे उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा अन्य प्रदेशों में चल धांधली की जांच की जा रही है।

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