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    निटरा में अब खाद्य पदार्थों की भी करा सकेंगे जांच, एनएबीएल की मान्यता प्राप्त लैब में जांची जाएगी गुणवत्ता

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 08:51 AM (IST)

    उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (निट्रा) गाजियाबाद अब खाद्य पदार्थों की जांच भी करेगा। एनएबीएल से मान्यता मिलने के बाद टेक्सटाइल के साथ-साथ फूड टेस्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। अत्याधुनिक लैब में तेल घी दाल चावल समेत कई खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। निट्रा की इस पहल से स्थानीय कंपनियों और आम लोगों को जांच कराने में आसानी होगी और मिलावट पर भी लगाम लगेगी।

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    निटरा टेक्निकल कैंपस की फोटो। सौजन्य- जागरण

    शाहनवाज अली, गाजियाबाद। उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (निटरा) ने गुणवत्ता की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अब खाद्य पदार्थों की जांच शुरू करने की तैयारी कर ली है। निटरा को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) की मान्यता मिलने के बाद यहां टैक्सटाइल के साथ-साथ फूड टेस्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इससे स्थानीय कंपनियों के साथ ही आमजन को भी खाद्य पदार्थाें की आसानी से जांच कराने का लाभ मिलेगा।

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    निटरा परिसर में अभी तक कपड़ों की गुणवत्ता के साथ ही विभिन्न शोध के माध्यम से आग से बचाव, धारदार हथियारों से बचाव, हाड़ गला देने वाली ठंड़ से बचाव, फ्लश हो जाने वाली सेनेटरी पैड समेत अनेक सफल शोध के साथ उत्पादों को बाजार में उतारने में कामयाबी हासिल की है। टैक्सटाइल में अनेकों आयाम स्थापित करने के बाद अब निटरा ने फूड टेस्टिंग में अग्रणी संस्थान बनने की ओर अग्रसर है।

    जल्द ही एनएबीएल से एनएबीएल से मान्यता मिलने के बाद यहां अत्याधुनिक लैब में सरसों तेल, पाम आयल, घी, दूध से बने उत्पाद, एल्कोहल व नान-एल्कोहलिक पेय पदार्थ, दाल, चावल, पान मसाला, चाय पत्ती, चीनी व चीनी से बने उत्पादों के साथ ही मसालों की गुणवत्ता की जांच होगी। खाद्य और पेय पदार्थाें में भी जायके को लेकर मिलावट के साथ पता लगाया जाएगा कि उनमें क्या कमी या बदलाव की आवश्यकता है।

    निटरा की 1974 में हुई थी स्थापना

    निटरा देश के प्रमुख वस्त्र अनुसंधान संस्थानों में से एक है, जिसे वस्त्र उद्योग और वस्त्र मंत्रालय ने संयुक्त रूप से गाजियाबाद में 1974 में स्थापित किया।

    इसमें शोध, अनुसंधान एवं विकास, तकनीकी परामर्श, सामग्रियों का गुणवत्ता मूल्यांकन, जनशक्ति प्रशिक्षण, तृतीय पक्ष निरीक्षण और तकनीकी पुस्तकों और पत्रों का प्रकाशन किया जाता है।

    निटरा टांडा, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी, हरियाणा के पानीपत, पंजाब के लुधियाना, राजस्थान के भीलवाड़ा में स्थित अपने आठ केंद्रों के माध्यम से पावरलूम क्षेत्र को सेवाएं प्रदान करता है।

    एनएबीएल का प्रमाण पत्र केवल उन लैब को दिया जाता है, जो सभी मानकों पर खरी उतरती हैं। एनएबीएल से मान्यता मिलने के बाद एक सप्ताह में ही खाद्य व पेय पदार्थों की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। परिसर में माइक्राे बायोलाजी लैब में टेस्टिंग मशीन लगा दी गई हैं। निटरा की इस लैब से तीन दिन से एक माह तक टेस्टिंग की गुणवत्तापरक रिपोर्ट मिलेगी।

    - डॉ. एमएस परमार, महानिदेशक निटरा