Ghaziabad News: राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान की ओपीडी पहुंची 1800 तक, जमीन पर मरीज करते हैं इंतजार
गाजियाबाद के राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है जिसके कारण कई रोगियों को बाहर जमीन पर बैठना पड़ रहा है। संस्थान गठिया अस्थमा और हड्डी रोगों जैसे विभिन्न बीमारियों का इलाज करता है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए संस्थान शेड निर्माण की योजना बना रहा है ताकि मरीजों को धूप और बारिश से बचाया जा सके।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान की ओपीडी 1800 तक पहुंच गई है। अधिक मरीज पहुंचने से अधिकांश मरीज बाहर जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं।
बुधवार को तेज धूप में सैकड़ों मरीज जमीन पर बैठकर चिकित्सक को दिखाने की बाट जोहते रहे। काउंटर पर पर्ची बनवाने के लिए पहले टोकन लेना पड़ता है। ऐसे में बाहर बैठना मजबूरी है। पटेलनगर के रहने वाले मुकेश ने बताया कि संस्थान अच्छा है लेकिन कई घंटे का इंतजार बीमारी को अधिक बढ़ा देता है।
संस्थान के बारे में जानें
कमला नेहरूनगर में 10 एकड़ जमीन पर 381.42 करोड़ की लागत से बनाए गए राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में यूनानी पद्धति में परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेडिकल कालेज भी बनाया गया है।
इसका उद्घाटन 11दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल किया था। संस्थान में मुख्य रूप से गठिया, सफेद दाग, एग्जिमा, अस्थमा, माइग्रेन, मलेरिया एंव फाइलेरिया, पेट की समस्या, और हड्डी रोगों का इलाज हो रहा है। अस्थि रोगों के उपचार में यूनानी चिकित्सा पद्धति कारगर बन रही है।
खासकर आर्थराइटिस, स्पांडिलाइसिस, सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस, मांसपेशी संबंधी, रीढ़ संबंधी विकार और परेशानी के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति के तहत दी जाने वाली दवाओं से जल्द राहत मिलनी शुरू हो जाती है। जोड़ों में दर्द के लिए रोगन बाबूना तेल की मालिश से काफी राहत मिलती है।
इनको अपनाएं स्वस्थ रहने का लाभ उठाएं
यूनानी के अनुसार अगर हम सही से इन छह चीज़ों पर अमल करें , तो बीमारी से हमेशा दूर और सेहतमंद रहेंगे। इनमें अच्छी हवा , अच्छा ख़ानपान, वर्ज़िश करना (व्यायाम), दिमाग़ी सुकून , वक़्त से सोएं और जागें , हमज़ा सही रखें । क़ब्ज़ ना होने दें।
बढ़ रही मरीजों की संख्या
राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में इलाज कराने को मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक ओपीडी में कुल 2,12,271 मरीज पहुंचे हैं। चालू वित्त वर्ष में यह संख्या तीन लाख को पार कर गई है। इनमें गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, फरीदाबाद, मेरठ, हापुड, बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के मरीज भी शामिल हैं।
ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने से काफी संख्या में पहुंचने वाले मरीजों को बाहर जमीन पर बैठना पड़ता है। यह प्रकरण संज्ञान में हैं। मरीजों को धूप और वर्षा से बचाने के लिए शेड निर्माण को पत्राचार शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसका निर्माण हो जाएगा।
- डॉ. सैययद शाह आलम, निदेशक राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान
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