डासना जेल से बंदी भगाने का प्रयास क्यों किया? रिमांड पर सिपाहियों से पूछेगी पुलिस
गाजियाबाद के डासना जेल में दो सिपाहियों को बंदियों को भगाने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कोर्ट से रिमांड मांगी है ताकि साजिश का पता चल सके। पुलिस आयुक्त ने निष्ठा से ड्यूटी करने की चेतावनी दी है। सिपाहियों की सीडीआर और बैंक खातों की जांच हो रही है। दोनों सिपाही बिना रवानगी के फर्जी कागजात लेकर जेल गए थे।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। डासना जिला कारागार में दो बंदियों को भगाने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार दोनों सिपाहियों से पूछताछ करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा है। पुलिस ने एक दिन के रिमांड के लिए आवेदन किया है।
कोर्ट में आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई होगी। रिमांड मिलने पर पुलिस दोनों आरोपितों से बंदियों को भगाने के प्रयास की साजिश के बारे में जानकारी जुटाएगी। इस प्रकरण के बाद पुलिस आयुक्त ने गंभीर रूख अपनाते हुए कमिश्नरेट के सभी पुलिसकर्मियों को निष्ठा से ड्यूटी करने और इस तरह की गड़बड़ी करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एसीपी कविनगर सूर्यबली मौर्य के मुताबिक दोनों आरोपित सिपाहियों की सीडीआर की जांच की जा रही है। जिससे पता चल सके कि दोनों ने जेल में बंदी लेकर जाने से पहले और बाद में किन लोगों से बात की। दोनों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
रिमांड पर पुलिस दोनों आरोपितों से पूछेगी कि बंदी किस मसकद से लेने गए थे। मालूम हो कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही सचिन और राहुल शनिवार को जिला कारागार पहुंचे और हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में मार्कशीट और डिग्री के फर्जीवाड़े के आरोप में जेल बंद बिजेंद्र सिंह उर्फ बिजेंद्र सिंह हुड्डा एवं निशानेबाज का अपहरण कर लूट करने के आरोपित वंश को ले जाने की मांग करने लगे। जबकि तलबी आदेश छह बंदियों का था।
जेलकर्मियों ने सिर्फ दो बंदी को देने से मना कर दिया और जेल अधीक्षक को मामले की सूचना दी। इसी बीच दोनों सिपाही जेल से बाहर चले गए। जेल अधीक्षक ने पुलिस अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दे दी।
जांच में पाया गया कि दोनों सिपाही बिना रवानगी जेल गए थे। उनकी बंदियों को ड्यूटी पेशी पर ले जाने के लिए नहीं लगी थी। जिन कागजात को वह लेकर गए थे वह उन्होंने रिकॉर्ड से चोरी किए थे। इसके बाद दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
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