फर्जी स्टाफ दिखाकर लिया 10 करोड़ का लोन, गाजियाबाद पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा
गाजियाबाद में कौशांबी पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेते थे। आरोपित करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। पुलिस ने उनके पास से कई फर्जी आईडी और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। मामले की जांच अभी जारी है।

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। कौशांबी थाना क्षेत्र की एक फाइनेंस कंपनी में फर्जी दस्तावेज के आधार पर 1.50 करोड़ रुपये लेकर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपितों को कौशांबी पुलिस व एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने आरोपितों से 5.10 लाख रुपये, 63 फर्जी आईडी कार्ड, 30 चेक बुक, 39 क्रेडिट व डेबिट कार्ड, आठ मोबाइल, तीन लैपटाप, सात पेन ड्राइव, दो जाली मुहर, एक कार और कई कंपनियों के महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपितों के अन्य साथी अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
क्या बोली पुलिस?
एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में फरीदाबाद के नेहरू ग्राउंड निवासी गौरव दुआ और दिल्ली के लाजपत नगर निवासी देवेश बसोया हैं। एसीपी ने बताया कि दोनों आरोपित फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंकों से लोन लेते थे और कई कंपनियों के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।
बीकॉम पास है गौरव
आरोपित गौरव बीकॉम पास है और उसने पूछताछ में बताया कि वह पहले एक निजी कंपनी में डाटा ऑपरेटर था। वर्ष 2020 में लोन लेने के दौरान अविनाश रंजन कुमार से मिला और यहां से वह फर्जी दस्तावेज से लोन लेना सीखा।
इसी बीच वह देवेश से मिला और दोनों ने फर्जी आईडी बनाकर फर्जी प्रोफाइल तैयार करना शुरू कर दिया और खुद लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगने लगा।
इन बैंकों से किया 10 करोड़ के लोन का फर्जीवाड़ा
इसके बाद दोनों लोगों को ऑफर देकर उनकी आईडी लेकर उनकी जाली कंपनियों में नियुक्ति दिखाकर बैंक से लोन पास कराकर धोखाधड़ी करने लगे। दोनों आरोपित स्टैंडर्ड चार्टर्ड, आइसीआइसीआइ, एक्सिस, एचडीएफसी, यस, कोटक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, इनक्रेड, आदित्य बिरला समेत अन्य बैंकों से 10 करोड़ रुपये लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा कर हड़प चुके हैं।
हाल में ही बजाज फाइनेंस के रिंगकेश कुमार ने पकड़े गए आरोपितों समेत 10 लोगों व गुरुग्राम की एक कंपनी के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों पर 1.50 करोड़ रुपये का लोन लेने की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद से ही पुलिस जांच में जुटी थी। एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि मामले में अभी अन्य आरोपित फरार हैं।
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