जीडीए की इंद्रप्रस्थ योजना में बस कागजों पर मिली 45 मीटर सड़क, पर जमीनी हकीकत कुछ और
गाजियाबाद में जीडीए की इंद्रप्रस्थ योजना में उद्यमियों को 45 मीटर चौड़ी सड़क का वादा किया गया था लेकिन मौके पर केवल 5 मीटर की सड़क मिली। अब जीडीए सड़क चौड़ी करने के लिए कुछ भूखंडों से जमीन लेने की बात कर रहा है जिससे उद्यमियों में आक्रोश है। सड़क विवाद के चलते उद्योग स्थापित नहीं हो सके हैं और निवेश भी अटका हुआ है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जीडीए की इंद्रप्रस्थ योजना में उद्यमियों को 45 मीटर चौड़ी सड़क दिखाकर कोविडकाल वर्ष 2020 में भूखंड बेचे गए, लेकिन मौके पर महज पांच मीटर चौड़ी सड़क ही मिली। यहां करीब 45 भूखंड में आठ भूखंड से जमीन लेकर 45 मीटर सड़क बनाने की बात करने पर उद्यमियों में रोष है।
कोविडकाल जून 2020 में जीडीए ने इंद्रप्रस्थ योजना के तहत बी पाकेट के औद्योगिक क्षेत्र में नीलामी के जरिए 45 भूखंड उद्यमियों को बेचे थे। उद्यमियों का कहना है कि तयशुदा राशि 8,950 रुपये से करीब दोगुना दाम यानी 16 हजार रुपये से अधिक से प्राधिकरण की ओर से बोली आरंभ कराई गई।
ब्याज में छूट देने के वादे के साथ ही उस समय तीन माह में सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं देकर कब्जा दिलाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन जब उद्यमी साइट पर पहुंचे तो वहां गड्ढे और केवल पांच मीटर चौड़ी कच्ची सड़क मिली।
लगातार शिकायतों के बाद जीडीए उपाध्यक्ष ने जांच कमेटी बनाई। रिपोर्ट में सामने आया कि यदि सड़क चौड़ी करनी है तो उद्यमियों के भूखंड से ही जमीन लेनी होगी। अब जीडीए भूखंडों के सामने सड़क चौड़ीकरण करने के लिए भूखंडों से जमीन लेने की बात कर रहा है।
उद्यमियों ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि लेआउट में स्पष्ट रूप से 45 मीटर चौड़ी सड़क दिखाई गई थी। बीच से दिल्ली की पाइपलाइन गुजर रही है, जिससे पहले दिन से सड़क का निर्माण मुश्किल था। ऐसे में जमीन काटकर सड़क बनाना गलत है। यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों में यहां उद्योग स्थापित हो सके और न निवेश ही हो सका।
इंद्रप्रस्थ योजना में औद्योगिक भूखंड के सड़क विवाद के चलते कई उद्यमी अपने प्लाट्स पर काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इससे एमएसएमई यूनिट्स पर बुरा असर पड़ रहा है। प्राधिकरण ने 45 मीटर चौड़ी सड़क बताकर अब 12 मीटर की बात कर रहा है। कोरोनाकाल में लिए गए भूखंड पर ब्याज में छूट भी नहीं दिलाई जा रही है। इससे निवेश अटका हुआ है।
अरुण गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन आफ एमएसएमई
सड़क चौड़ी करने के लिए भूखंडों से जमीन लेनी होगी। इसके बदले उद्यमियों को मुआवजा दिया जाएगा। सहमति होने पर सड़क का निर्माण कराया जाएगा। जीडीए ने उद्यमियों को प्रस्ताव दिया है कि वह चौड़ी सड़क चाहते हैं तो इसके लिए सात या आठ प्लाट से जमीन देनी होगी। इसके बदले ब्याज समेत मुआवजा दिया जाएगा।
आलोक रंजन, मुख्य अभियंता, जीडीए
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